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सलीम-सुलेमान द्वारा गाया गया गीत 'Jazba' एक अत्यंत प्रेरणादायक संगीत रचना है। इस गीत में संगीत की गहराई और आवाज़ की भावनात्मक जुड़ाव को प्रदर्शित किया गया है, जो श्रोताओं को उत्साहित करती है। 'Jazba' ने संगीत प्रेमियों के बीच काफी लोकप्रियता हासिल की है और इसे विभिन्न संगीत प्लैटफॉर्म्स पर सराहा जा रहा है।
(जज़्बा)
काँटे रहने दे, गुलाब तोड़ ले
नींदों की टहनियों से ख़्वाब तोड़ ले
हो, काँटे रहने दे, गुलाब तोड़ ले
नींदों की टहनियों से ख़्वाब तोड़ ले
ख़्वाहिशों की हैं कहानियाँ पड़ी
चुन ले कहानियाँ, किताब जोड़ ले
फीकी है ज़िंदगी तो, यारा
पढ़ ले दिल का इशारा
सारा बदल दे नज़ारा
जगा ले, तू जगा ले जज़्बा, हाय
जगा ले, तू जगा ले जज़्बा (जज़्बा-जज़्बा)
जगा ले, तू जगा ले जज़्बा, हाय
जगा ले, तू जगा ले जज़्बा (जज़्बा-जज़्बा)
♪
(जज़्बा)
(ज़रा सा, ज़रा सा जगा ले जज़्बा)
(ज़रा सा, ज़रा सा जगा ले जज़्बा)
क्या करें, क्या नहीं
ख़ाली ख़यालों में पसीना क्या बहाना?
बेहतरी है यही
कर के दिखाने के तरीक़े आज़माना
जितने मुँह, उतने ही बातों में तू ना जाना
दिल की ही तू सुनना, दिल को अपनी सुनवाना
सपनों के पहियों को, यारा
Speed limit ना-गवारा
खुली उड़ानों ने पुकारा
जगा ले, तू जगा ले जज़्बा, हाय
जगा ले, तू जगा ले जज़्बा (जज़्बा-जज़्बा)
जगा ले, तू जगा ले जज़्बा, हाय
जगा ले, तू जगा ले जज़्बा (जज़्बा-जज़्बा)
(जगा ले, जगा ले, जगा ले)
(जज़्बा, हाँ-हाँ)
♪
थपथपा तू ज़रा
Lazy इरादों की तू सुस्तियाँ छुड़ा ले
दबदबा है तेरा
राहों की मुश्किलों से कुश्तियाँ लड़ा ले
जो होगा सो होगा, होने दे, ना घबराना
तू अपनी कोशिश में कंजूसी ना कर जाना
क़िस्मत की लहरों पे, यारा
लेके निकल तू शिकारा
चमकेगा तेरा भी सितारा
जगा ले, तू जगा ले जज़्बा, हाय
जगा ले, तू जगा ले जज़्बा (जज़्बा-जज़्बा)
जगा ले, तू जगा ले जज़्बा, हाय
जगा ले, तू जगा ले जज़्बा (जज़्बा-जज़्बा)
♪
(जज़्बा)
♪
(जगा ले, जगा ले, जगा ले)
(जगा ले, जगा ले, जगा ले, जगा ले)