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‘दो दिनों का ये मेला’ राहुल राम द्वारा गाया गया एक लोकप्रिय हिंदी गीत है। इस गीत में जीवन के उत्सव और आनंद की भावना को बड़े ही आकर्षक ढंग से प्रस्तुत किया गया है। संगीत की मधुर धुन और गायक की सहज आवाज ने इसे दर्शकों के बीच बेहद प्रिय बना दिया है। इस गाने ने विभिन्न संगीत चार्ट्स में अच्छी रैंक प्राप्त की है और श्रोताओं द्वारा व्यापक रूप से सराहा गया है।
दो दिन का ये मेला है, दो दिन का...
दो दिन का ये मेला है, खेला फिर उठ जाना है
अरे, दो दिन का ये मेला है, खेला फिर उठ जाना है
आना है, जाना है, जीवन चलते जाना है
हो, आना है, जाना है, जीवन चलते जाना है
मिटे ना छपके, शहद सा टपके...
मिटे ना छपके, शहद सा टपके मीठा बोल खजाना है
आना है, जाना है, जीवन चलते जाना है
माटी का बर्तन है प्यारे, माटी में मिल जाना है
आना है, जाना है, जीवन चलते जाना है
जीवन चलते जाना है
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हवाओं में बहती कहानियाँ है
हो, हवाओं में बहती कहानियाँ है
भोली-मासूम नादानियाँ है
भोर और साँझ के पक्के रंग
पूजा-अज़ान दुआओं के संग
घर-घर की छत पे रहता पंछी आता, बुलाना है
आना है, जाना है, जीवन चलते जाना है
हो, आना है, जाना है, जीवन चलते जाना है
आना है, जाना है, जीवन चलते जाना है