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रोजा जान-ए-मन, तू ही मेरा दिल
तुझ बिन तरसे नैना
दिल से ना जाती हैं यादें तुम्हारी
कैसे तुम बिन जीना?
आँखों में तू है, आसों में तू है
आँखें बंद कर लूँ तो मन में भी तू है
ख़्वाबों में तू, साँसों में तू रोजा
रोजा जान-ए-मन, तू ही मेरा दिल
तुझ बिन तरसे नैना
छू के यूँ चली हवा, जैसे छू गए हो तुम
फूल जो खिले थे वो शूल बन गए हैं क्यूँ?
जी रहा हूँ इसलिए दिल में प्यार है तेरा
ज़ुल्म सह रहा हूँ क्यूँ? इंतज़ार है तेरा
तुमसे मिले बिना जान भी ना जाएगी
क़यामत से पहले सामने तू आएगी
कहाँ है तू? कैसी है तू रोजा?