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मंगल भवन अमंगलहारी
द्रवहु सु दशरथ अजर बिहारी
("राम-राम", बोलो "राम-राम", बोलो "राम-राम", बोलो "राम-राम")
("राम-राम", बोलो "राम-राम", बोलो "राम-राम", बोलो "राम-राम")
बड़ी शुभ ये ख़बर आई, बाजे घर-घर शहनाई
पापियों का वध करके आए अवध में रघुराई
पापियों का वध करके आए अवध में रघुराई
सोने का रथ होगा, भगवा भारत होगा
राम का अयोध्या में ऐसा स्वागत होगा
राम का अयोध्या में ऐसा स्वागत होगा
("राम-राम" करता जा रे)
("राम-राम" करता जा रे)
("राम-राम" करता जा रे)
("राम-राम" जपता जा रे)
घड़ियाँ अभिनंदन की, राघव के वंदन की
सरयू के मीठे जल में ख़ुशबू है चंदन की
सरयू के मीठे जल में ख़ुशबू है चंदन की
प्रभु राज सँभालेंगे, फिर ताज सँभालेंगे
दूर थे कल जिनसे, उन्हें आज सँभालेंगे
दूर थे कल जिनसे, उन्हें आज सँभालेंगे
♪
("राम-राम" करता जा रे)
("राम-राम" करता जा रे)
("राम-राम" करता जा रे)
("राम-राम" जपता जा रे)
हम दीप जलाएँगे, दीवाली मनाएँगे
अब कभी राम मेरे वनवास ना जाएँगे
अब कभी राम मेरे वनवास ना जाएँगे
दिन दुख के बीत गए, आ सबके मीत गए
हार गए बैरी, रघुवंशी जीत गए
हार गए बैरी, रघुवंशी जीत गए
सनातन धर्म, सनातन धाम
यहीं थे, यहीं रहेंगे राम
है बाक़ी सब क़िस्से झूठे
सत्य है रघुनंदन का नाम
ये धरती योगी संतों की
ये धरती योगी संतों की
यहाँ पर राज करेंगे राम
यहाँ पर राज करेंगे राम
यहाँ पर राज करेंगे राम
जय श्री राम!