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गीत 'मार जायें (रीप्राइज)' अतीफ़ असलम द्वारा गाया गया है। यह गाना [फिल्म या एल्बम का नाम, यदि उपलब्ध हो] का हिस्सा है, जिसमें अतीफ़ की भावुक स्वराई ने इसे विशेष बना दिया है। 'मार जायें' के रीप्राइज संस्करण में संगीत की नई परतें जोड़ी गई हैं, जिससे यह गाना और भी गहराई और आकर्षण प्राप्त करता है। इस गाने ने संगीत प्रेमियों के बीच सकारात्मक प्रतिक्रिया प्राप्त की है और विभिन्न म्यूजिक चैनलों पर लोकप्रियता हासिल की है। अतीफ़ असलम की मधुर आवाज़ और संवेदनशील लिरिक्स ने इस गीत को एक खास पहचान दी है।
काश वो पल पैदा ही ना हो
जिस पल में नज़र तू ना आए
'गर कहीं ऐसा पल हो
तो इस पल में मर जाएँ
मर जाएँ, मर जाएँ
मर जाएँ, हो, मर जाएँ
मर जाएँ, मर जाएँ
मर जाएँ, हो, मर जाएँ
♪
मैंने जिसे चाहा ही नहीं
वो शख़्स क्यूँ अच्छा लगता है?
क्यूँ हर लम्हा उसकी तमन्ना
दिल ये हरदम करता है?
हो, अपने दिल की इस उलझन को
कैसे भला सुलझाएँ?
मर जाएँ, मर जाएँ
मर जाएँ, हो, मर जाएँ
मर जाएँ, मर जाएँ
मर जाएँ, हो, मर जाएँ
♪
तू ना मिले जिस रोज़
वो दिन कब आसानी से कटता है
दिल का धड़कना
साँस का चलना एक सज़ा सा लगता है
दिल ही जाने
बग़ैर तेरे हम कैसे जी पाएँ
मर जाएँ, मर जाएँ
मर जाएँ, हो, मर जाएँ
मर जाएँ, मर जाएँ
मर जाएँ, हो, मर जाएँ