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"मातृ की बिज्ली का मंडोला" एक लोकप्रिय हिंदी फिल्म है जिसे विशाल भड़वााज ने निर्देशित और संगीत दिया है। इस फिल्म के गाने अपनी जीवंत धुनों और आत्मीय गीतों के लिए प्रसिद्ध हैं। विशाल भड़वााज की संगीत रचनाएँ पारंपरिक और आधुनिक तत्वों का सुंदर मिश्रण प्रस्तुत करती हैं, जो दर्शकों को आकर्षित करती हैं। फिल्म के गीतों में मनोरंजन के साथ-साथ सामाजिक संदेश भी समाहित हैं, जो इसे विशेष बनाते हैं।
पहले वो बोला फिर मैं बोला
मट-मटरु की बिजली का मंडोला
Hey, मटरु की बिजली का मंडोला
डोला, डोला, डोला, डोला, डोला...
गुल्ले की बेगी, बेगी का गुल्ला
जब तंबू खोला, तब खुल्लम-खुल्ला
♪
गुल्ले की बेगी, बेगी का गुल्ला
जब तंबू खोला, तब खुल्लम-खुल्ला
पहले वो बोला फिर मैं बोला
रे, मटरु की बिजली का मंडोला
हे, मटरु की बिजली का मंडोला
मटरु रे मटरु, मटरु की बिजली, बिजली का मंडोला
हे, मटरु की बिजली का मंडोला
♪
चटक-चटक दिल, चटक-चटक दिल, चटक-चटक दिल चटका
पटक-पटक फिर, पटक-पटक फिर, पटक-पटक फिर पटका
हाँ, चटक-चटक दिल, चटक-चटक दिल, चटक-चटक चटका रे
पटक-पटक, पटक-पटक, पटक-पटक-पटक फिर पटका रे
हरिया का धन डोला
बिजली का तन डोला
रे, मटरु का मन डोला, हाए
आटे की रोटी (hololo), मिट्टी का चुल्हा (hololo)
पीढ़ी पे दुल्हन (hololo), मूढ़े पे दूल्हा (hololo)
पहले वो बोला फिर मैं बोला
हाँ, मटरु की बिजली का मंडोला
हाँ, मटरु की बिजली का मंडोला
♪
Sibaxoshile yah sibaxoshile yah
Sibaxoshile yah bahambile
Sibaxoshile yah sibaxoshile yah
Sibaxoshile yah bahambile
Oh bahambile, babalekile
Sibaxoshile yah sibaxoshile yah
Sibaxoshile yah bahambile
Hey, मटक-मटक धर, मटक-मटक धर, मटक-मटक धर मटका
अटक-अटक कर, अटक-अटक कर, अटक-अटक कर अटका
हो, मटक-मटक धर, मटक-मटक धर, मटक-मटक धर मटका रे
अटक-अटक कर, अटक-अटक कर, अटक-अटक कर अटका रे
बोलो तो कब डोला?
पहले ज़मीं डोली
रे पीछे से रब डोला
कोई ना जाने रे कौन था बुल्ला
हे, पड़ी जो पोथी तो खुल्लम-खुल्ला
पहले वो बोला फिर मैं बोला
हे, रे मटरु की बिजली का मंडोला
हे, मटरु की बिजली का मंडोला
मटरु रे मटरु, मटरु की बिजली बिजली का मंडोला
हे मटरु की बिजली का मंडोला