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Gale Lag Ja - Version 1 - Javed Ali

Gale Lag Ja - Version 1

Javed Ali

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04:12

Song Introduction

**गले लग जा - Version 1** जयवेद अली द्वारा गाया गया एक लोकप्रिय हिंदी गीत है। यह गीत अपने मधुर संगीत और संवेदनशील बोलों के लिए जाना जाता है। "गले लग जा - Version 1" ने रिलीज़ के बाद दर्शकों में अच्छी खास असर छोड़ी है। इस गीत में जयवेद अली की उत्कृष्ट आवाज़ ने इसे और भी खास बना दिया है। अगर आप रोमांटिक धुनों के शौकीन हैं, तो यह गीत निश्चित रूप से आपके प्लेलिस्ट में शामिल होना चाहिए।

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Lyric

मेरी पहली मोहब्बत है, मेरी पहली ये चाहत है

मेरी इतनी सी हसरत है, गले लग जा ना जाँ

तेरी बाँहों में राहत है, तेरी ज़ुल्फ़ों में जन्नत है

मेरी इतनी सी हसरत है, गले लग जा ना जाँ

सुलगे-सुलगे बदन हैं, उलझे-उलझे से मन हैं

बढ़ती जाती है दिल की प्यास

बहकी-बहकी हैं रातें, महकी-महकी हैं साँसें

रहना-रहना तू दिल के पास

हो, तू अगर सामने हो, कैसे मैं खुद को रख पाऊँ होश में?

डरता है दिल ख़ता ये कर बैठे ना मोहब्बत के जोश में

तू अगर सामने हो, कैसे मैं खुद को रख पाऊँ होश में?

डरता है दिल ख़ता ये कर बैठे ना मोहब्बत के जोश में

बदला-बदला है मौसम, पिघला-पिघला है यौवन

जागे-जागे हैं अब एहसास

बहकी-बहकी हैं रातें, महकी-महकी हैं साँसें

रहना-रहना तू दिल के पास

मेरे जज़्बों की जो भी हालत है वो समझ लो ना बिन कहे

हो, इन लबों से कहो जो अरमाँ है, बरसों ये होंठ चुप रहे

हो, मेरे जज़्बों की जो भी हालत है वो समझ लो ना बिन कहे

इन लबों से कहो जो अरमाँ है, बरसों ये होंठ चुप रहे

ठंडी-ठंडी अगन है, मीठी-मीठी चुभन है

जुड़ती-जुड़ती है तुझ से आस

बहकी-बहकी हैं रातें, महकी-महकी हैं साँसें

रहना-रहना तू दिल के पास

तेरी बाँहों में राहत है, तेरी ज़ुल्फ़ों में जन्नत है

मेरी इतनी सी हसरत है, गले लग जा ना जाँ

- It's already the end -