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Khal Nayak Hoon Main - Kavita Krishnamurthy

Khal Nayak Hoon Main

Kavita Krishnamurthy

00:00

07:46

Song Introduction

"ख़ल नायक हूँ मैं" गाना 1993 में रिलीज़ हुई प्रसिद्ध बॉलीवुड फिल्म 'ख़ल नायक' का है। इसे कविता कृष्णमूर्ति ने गाया है और इसका संगीत लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल ने दिया है। इस गीत के बोल आनंद बक्षी ने लिखे हैं। यह गाना अपनी भावपूर्ण धुन और गहन लिरिक्स के लिए लोकप्रिय है, जिसने फिल्म की कहानी में गहरे भावनात्मक पहलुओं को उजागर किया है। "ख़ल नायक हूँ मैं" ने अपने समय में बड़े पैमाने पर दर्शकों से सराहना प्राप्त की थी और आज भी इसे याद किया जाता है।

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Lyric

जी, हाँ, मैं हूँ खलनायक

नायक नहीं, खलनायक है तू

नायक नहीं, खलनायक है तू

जुल्मी बड़ा दुखदायक है तू

इस प्यार की तुझको क्या क़दर

इस प्यार के कहाँ लायक है तू

नायक नहीं, खलनायक हूँ मैं

नायक नहीं, खलनायक हूँ मैं

ज़ुल्मी बड़ा दुखदायक हूँ मैं

है प्यार क्या, मुझको क्या ख़बर

बस, यार, नफ़रत के लायक हूँ मैं

नायक नहीं, खलनायक हूँ मैं

तेरी तबियत तो रंगीन है

पर तू मोहब्बत की तौहीन है

Hmm, कुछ भी नहीं याद इस के सिवा

ना मैं किसी का, ना कोई मेरा

जो चीज़ माँगी नहीं वो मिली

करता मैं क्या और बस छीन ली

बस छीन ली, बस छीन ली

मैं भी शराफ़त से जीता, मगर

मुझको शरीफ़ों से लगता था डर

सबको पता था मैं कमज़ोर हूँ

मैं इसलिए आज कुछ और हूँ

कुछ और हूँ, कुछ और हूँ

नायक नहीं, खलनायक हूँ मैं

ज़ुल्मी बड़ा दुखदायक हूँ मैं

है प्यार क्या, मुझको क्या ख़बर

बस, यार, नफ़रत के लायक हूँ मैं

नायक नहीं, खलनायक है तू

कितने खिलौनों से खेला है तू

अफ़सोस फिर भी अकेला है तू

Hmm, बचपन ने लिखी कहानी मेरी

कैसे बदलती जवानी मेरी

सारा समंदर मेरे पास है

एक बूँद पानी मेरी प्यास है

मेरी प्यास है, मेरी प्यास है

देखा था माँ ने कभी प्यार से

अब मिल गई वो भी संसार से

मैं वो लुटेरा हूँ, जो लुट गया

माँ का भी आँचल कहीं छूट गया

नायक नहीं, खलनायक हूँ मैं

ज़ुल्मी बड़ा दुखदायक हूँ मैं

है प्यार क्या, मुझको क्या ख़बर

बस, यार, नफ़रत के लायक हूँ मैं

नायक नहीं, खलनायक है तू

खलनायक हूँ मैं

नायक नहीं, खलनायक हूँ मैं

नायक नहीं, खलनायक हूँ मैं

नायक, खलनायक

(नायक, खलनायक)

(नायक, खलनायक)

- It's already the end -