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Do Dil Mil Rahe Hai - Kumar Sanu

Do Dil Mil Rahe Hai

Kumar Sanu

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06:40

Song Introduction

कुमार सानू द्वारा गाया गया 'दो दिल मिल रहे हैं' 1996 की प्रसिद्ध बॉलीवुड फिल्म 'परेश' का एक लोकप्रिय गीत है। इस रोमांटिक ट्रैक को नादिम-श्रवण ने संगीत दिया था और इसके बोल गुरुदत्त ने लिखे थे। यह गीत अपनी मधुर धुन और संवेदनशील शब्दों के लिए बेहद पसंद किया जाता है, जिसने उन दिनों के दर्शकों का दिल जीता था। 'दो दिल मिल रहे हैं' ने फिल्म की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और आज भी इसे प्रेमियों द्वारा सराहा जाता है।

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Lyric

गुपचुप-गुपचुप, चुप-चुप

गुपचुप-गुपचुप, चुप-चुप

गुपचुप-गुपचुप, चुप-चुप

गुपचुप-गुपचुप, चुप-चुप

दो दिल मिल रहे हैं...

दो दिल मिल रहे हैं, मगर चुपके-चुपके

दो दिल मिल रहे हैं, मगर चुपके-चुपके

सबको हो रही है...

हाँ, सबको हो रही है ख़बर चुपके-चुपके

हो, दो दिल मिल रहे हैं, मगर चुपके-चुपके

साँसों में बढ़ी बेक़रारी

आँखों में कई रत जगे

कभी कहीं लग जाए दिल तो

कहीं फिर दिल ना लगे

अपना दिल मैं ज़रा थाम लूँ

जादू का मैं इसे नाम दूँ

जादू कर रहा है...

जादू कर रहा है असर चुपके-चुपके

दो दिल मिल रहे हैं, मगर चुपके-चुपके

ऐसे भोले बनकर हैं बैठे

जैसे कोई बात नहीं

सब कुछ नज़र आ रहा है

दिन है ये, रात नहीं

क्या है, कुछ भी नहीं है अगर?

होंठों पे है खामोशी मगर

बातें कर रही है...

बातें कर रही है नज़र चुपके-चुपके

दो दिल मिल रहे हैं, मगर चुपके-चुपके

कहीं आग लगने से पहले

उठता है ऐसा धुआँ

जैसा है इधर का नज़ारा, ओ

वैसा ही उधर का समाँ

दिल में कैसी कसक सी जगी?

दोनों जानिब, बराबर लगी

देखो तो इधर से...

देखो तो इधर से उधर चुपके-चुपके

दो दिल मिल रहे हैं, मगर चुपके-चुपके

सबको हो रही है...

हाँ, सबको हो रही है ख़बर चुपके-चुपके

हो, दो दिल मिल रहे हैं, मगर चुपके-चुपके

गुपचुप-गुपचुप, चुप-चुप

गुपचुप-गुपचुप, चुप-चुप...

मगर चुपके-चुपके

मगर चुपके-चुपके

Mmm-hmm, चुपके-चुपके

Aha, चुपके-चुपके

- It's already the end -