00:00
04:12
गीत **"सुनलो ज़रा"** फिल्म **"अनवर"** (2007) का एक लोकप्रिय गाना है। इसे ईश्तियाक अहमद ने लिखा है और इसे कुमार सानु और अनुराधा पौड़वाल ने गाया है। यह गीत अपनी मधुर धुन और भावपूर्ण बोलों के लिए जाना जाता है, जिसने संगीत प्रेमियों का दिल जीता है। A.R. रहमान का इस गाने से सीधा संबंध नहीं है, लेकिन उनकी संगीत शैली से प्रेरित कई कलाकार हैं जिन्होंने इसे यादगार बनाया है।
सुनलो ज़रा केहता है मन
तुम से ये धड़कन धड़कन
ये जो प्यार है
ये बाहर है
है जो प्यार तो
खिला हर चमन
सुनो ना कहती है ये उमंग
चलेंगे संग संग
ले के हम प्यार के सारे रंग
जागे है अरमान
जसबात है जवान
दिल में नई है तरंग
मेै हूँ दिल है तू है
बस ये गुफ्तगू है
तू मेरी है मेरी है
अरमान मचलते है
सपने पीघलते है
हम धुन बदलतें है
आहिस्ता आहिस्ता
मौसम सलोना है
तो होश खोना है
दीवाना होना है
आहिस्ता आहिस्ता
सुनलो ना केह्ति है ये उमंग
चलेंगे संग संग
ले के हम प्यार के सारे रंग
जागे है अरमान
जसबात है जवान
दिल में नई है तरंग
♪
जाने ये क्या जादू है
क्या ये समा हर्सू है
तुमसे नज़र जो मिली है
चाँदनी दिन में खिले है
तू है तो ये फ़िज़ा है
वरना दुनिया क्या है
ये हुस्न तू ही है लाई
अरमान मचलते है
सपने पीघलते है
हम धुन बदलतें है
आहिस्ता आहिस्ता
मौसम सलोना है
तो होश खोना है
दीवाना होना है
आहिस्ता आहिस्ता
सुनलो ना केहति
है ये उमंग
चलेंगे संग संग
ले के हम प्यार
के सारे रंग
जागे है अरमान
जसबात है जवान
दिल में नई है तरंग
मै हूँ दिल है तू है
बस ये गुफ्तगू है
में तेरी हूँ तेरी हूँ
अरमान मचलते है
सपने पीघलते है
हम धुन बदलतें है
आहिस्ता आहिस्ता
मौसम सलोना है
तो होश खोना है
दीवाना होना है
आहिस्ता आहिस्ता