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अमित त्रिवेदी द्वारा प्रस्तुत 'नैना दा क्या कसूर - अनप्लग्ड' एक खूबसूरत अनप्लग्ड संस्करण है जो गीत की सादगी और भावनात्मक गहराई को उजागर करता है। इस गाने में त्रिवेदी ने अपनी अनूठी संगीत शैली के माध्यम से नैना की भावनाओं को बारीकी से व्यक्त किया है। 'नैना दा क्या कसूर' को खासतौर पर इसके मुलायम सुरों और दिल को छू लेने वाली लिरिक्स के लिए सराहा गया है। यह अनप्लग्ड वर्शन संगीत प्रेमियों के बीच काफी लोकप्रिय है और इसे विभिन्न मंचों पर सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है।
अरे, अभी-अभी प्यारा सा चेहरा दिखा है
जाने क्या कहूँ उस पे क्या लिखा है
गहरा समंदर, दिल डूबा जिसमें
घायल हुआ मैं उस पल से इसमें
ਨੈਣਾਂ ਦਾ ਕਿਆ ਕਸੂਰ ਵੇ, ਕਸੂਰ ਵੇ, ਕਸੂਰ?
ਨੈਣਾਂ ਦਾ ਕਿਆ ਕਸੂਰ ਵੇ, ਕਸੂਰ ਵੇ, ਕਸੂਰ?
ਨੈਣਾਂ ਦਾ ਕਿਆ ਕਸੂਰ ਵੇ, ਕਸੂਰ ਵੇ, ਕਸੂਰ?
ऐ दिल, तू बता रे
ਨੈਣਾਂ ਦਾ ਕਿਆ ਕਸੂਰ ਵੇ, ਕਸੂਰ ਵੇ, ਕਸੂਰ?
ਨੈਣਾਂ ਦਾ ਕਿਆ ਕਸੂਰ ਵੇ, ਕਸੂਰ ਵੇ, ਕਸੂਰ?
ਨੈਣਾਂ ਦਾ ਕਿਆ ਕਸੂਰ ਵੇ, ਕਸੂਰ ਵੇ, ਕਸੂਰ?
ऐ दिल, तू बता रे, हाय
♪
दिल को हज़ारों बाँधे थे धागे
पर पाजी निकला ये हमसे आगे
हुआ क्या है, हुआ क्या है हमको? हाय
इत पल ये दौड़े, उत पल ये भागे
होनी हो जाए, तब नैना जागे
हुआ ये है, हुआ ये है, समझो
दिल-दिल के मिलते साँचे और खाँचे
जो है बनाता ऊपर से झाँके
बत्ती है, ना है धूप, ना काफ़ूर, ना काफ़ूर
ਨੈਣਾਂ ਦਾ ਕਿਆ ਕਸੂਰ ਵੇ, ਕਸੂਰ ਵੇ, ਕਸੂਰ?
ਨੈਣਾਂ ਦਾ ਕਿਆ ਕਸੂਰ ਵੇ, ਕਸੂਰ ਵੇ, ਕਸੂਰ?
ऐ दिल, तू बता रे
ਨੈਣਾਂ ਦਾ ਕਿਆ ਕਸੂਰ ਵੇ, ਕਸੂਰ ਵੇ, ਕਸੂਰ?
ਨੈਣਾਂ ਦਾ ਕਿਆ ਕਸੂਰ ਵੇ, ਕਸੂਰ ਵੇ, ਕਸੂਰ?
ਨੈਣਾਂ ਦਾ ਕਿਆ ਕਸੂਰ ਵੇ, ਕਸੂਰ ਵੇ, ਕਸੂਰ?
ऐ दिल, तू बता रे
हाय, हाय, हाय
हाय, हाय, हाय
हाय, हाय, हाय