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Bajrang Baan - Lata Mangeshkar

Bajrang Baan

Lata Mangeshkar

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Song Introduction

लता मंगेशकर द्वारा गाया गया 'बजरंग बाण' एक अत्यंत लोकप्रिय भक्ति गीत है जो भगवान हनुमान की महिमा का वर्णन करता है। इस गीत में हनुमान जी की शक्तियों, उनके अद्वितीय समर्पण और आस्था की प्रशंसा की गई है। 'बजरंग बाण' भारतीय सांस्कृतिक विरासत का महत्वपूर्ण हिस्सा है और इसे दशहरे, अष्टमी जैसे त्योहारों पर विशेष रूप से गाया जाता है। लता मंगेशकर की मधुर आवाज़ ने इस भजन को और भी प्रभावशाली बना दिया है, जिससे यह हर पीढ़ी में प्रिय बना हुआ है।

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Lyric

निश्चय प्रेम प्रतीति ते

विनय करैं सनमान

तेहि के कारज सकल शुभह

सिद्ध करैं हनुमान

जय हनुमन्त सन्त हितकारी

सुनी लीजै प्रभु विनय हमारी

जन के काज विलम्ब न कीजै

आतुर दौरि महा सुख दीजै

जय हनुमन्त सन्त हितकारी

जैसे कूदि सिन्धु के पारा

सुरसा बदन पैठि विस्तारा

आगे जाय लंकिनी रोका

मारेहु लात गई सुरलोका

जाय विभीषन को सुख दीन्हा

सीता निरखि परम पद लीन्हा

बाग उजारि सिन्धु महं बोरा

अति आतुर जमकातर तोरा

जय हनुमन्त सन्त हितकारी

अक्षय कुमार मारि संहारा

लूम लपेटी लंक को उजारा

लाह समान लंक जरि गई

जय जय धुनि सुरपुर नभ भई

अब विलम्ब केहि कारन स्वामी

कृपा करहु उर अन्तर्यामी

जय जय लखन प्राण के दाता

आतुर है दु:ख करहु निपाता

जय हनुमन्त सन्त हितकारी

जय हनुमान जयति बलसागर

सुर समुह समरथ भटनागर

ॐ हनु हनु हनुमन्त हठीले

बैरिहि मारू बज्र की कीलें

ॐ ह्रिं ह्रिं ह्रिं हनुमन्त क्रूपीसा

ॐ हुं हुं हुं हनु अरि उर शीशा

जय अंजनी कुमार बलबन्ता

शंकर सुवन वीरहनुमन्ता

जय हनुमन्त सन्त हितकारी

बदन कराल काल कुल घालक

राम सहाय सदा प्रतिपालक

भूत, प्रेत, पिशाच निशाचर

अग्नि बेताल काल मारी मर

इन्हें मारु, तोहि शपथ राम की

राखउ नाथ मरजाद नाम की

सत्य होहु हरि शपथ पाईके

राम दूत धरु मारु धाई के

जय हनुमन्त सन्त हितकारी

जय जय जय हनुमन्त अगाधा

दु: ख पावत जन केहि अपराधा

पूजा जप तप नेम अचारा

नहिं जानत कछु दास तुम्हारा

वन उपबन मग गिरि गृह माहीं

तुम्हरे बल हम डरपत नाहीं

जनक सुता हरि दास कंहावो

ताकी शपथ विलम्ब न लावो

जय हनुमन्त सन्त हितकारी

जय जय जय धुनि होत अकासा

सुमिरत होय दुसह दु:ख नाशा

चरन पकरी कर जोरि मनावौं

यहि अवसर अब केहि गोहरावहौं

उठ उठ चलु तोहि राम दुहाई

पाय परौं कर जोरि मनाई

ॐ चं चं चं चं चपल चलंता

ॐ हनु हनु हनु हन हनुु हनुमंता

जय हनुमन्त सन्त हितकारी

ॐ हं हं हांक देत कपि चंचल

ॐ सं सं सहमि पराने खल दल

अपने जन को तुरत उबारो

सुमिरत होय आनंद हमारो

यह बजरंग बाण जेहि मारै

ताहि कहउ फिर कब न उबारै

पाठ करै बजरंग बाण की

हनुमत रक्षा करै प्राणकी

यह बजरंग बाण जो जापै

तासौ भूत-प्रेत सब कांपै

धूप देय अरु जपै हमेशा

ताके तन नहिं रहै कलेशा

जय हनुमन्त सन्त हितकारी

पुरप्रतीहि दृड सदन है

पाठ करे धर ध्यान

वाधा सब हरतरही

सब काम सफल हनुमान

- It's already the end -