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‘घम खुशियाँ’ रोहनप्रीत सिंह द्वारा गाया गया एक नया हिंदी गीत है जो listeners के दिलों को छू रहा है। इस गीत में जीवन की उतार-चढ़ावों को खूबसूरती से पिरोया गया है, जहां दुखों के साथ-साथ खुशियों का भी महत्व दर्शाया गया है। रोहनप्रीत की मधुर आवाज़ और संगीत के बेहतरीन संयोजन ने इस गाने को खास बना दिया है। वीडियो क्लिप में रंगीन दृश्यों के माध्यम से गीत की भावना को और गहराई से प्रस्तुत किया गया है। सोशल मीडिया पर इस गाने ने जल्दी ही लोकप्रियता हासिल की है और दर्शकों से सकारात्मक प्रतिक्रियाएँ मिल रही हैं।
जब आँखों को बंद करूँ मैं
तू ही रू-ब-रू आए, क्या करूँ मैं?
ज़िक्र लबों पे तेरा, तू दुआओं में
इंतज़ार, तुझे बाँहों में भरूँ मैं
क्या होता है हमें, मत पूछो
हम पागल क्यूँ हो जाते हैं
मेरे ग़म ख़ुशियाँ बन जाते हैं
मेरे ग़म ख़ुशियाँ बन जाते हैं
जब तुम मिलने मुझे आते हो
मेरे ग़म ख़ुशियाँ बन जाते हैं
मेरे ग़म ख़ुशियाँ बन जाते हैं
मेरे ग़म ख़ुशियाँ बन जाते हैं
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तुझे इतना चाहें, कितना चाहें, चाहत की हद पार करें
हीर-राँझा, लैला-मजनूँ जैसे हम भी प्यार करें
Hey, तुझे इतना चाहें, कितना चाहें, चाहत की हद पार करें
हीर-राँझा, लैला-मजनूँ जैसे, हाँ, जैसे हम भी प्यार करें
जब देखते हो तुम मुझे प्यार से
दीवाने से हो जाते हैं
मेरे ग़म ख़ुशियाँ बन जाते हैं
मेरे ग़म ख़ुशियाँ बन जाते हैं
जब तुम मिलने मुझे आते हो
सावन जैसे दिन आते हैं
मेरे ग़म ख़ुशियाँ बन जाते हैं
मेरे ग़म ख़ुशियाँ बन जाते हैं
जब तुम मिलने मुझे आते हो
मेरे ग़म ख़ुशियाँ बन जाते हैं