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Yun Hi Chala Chal (From "Swades") - Udit Narayan

Yun Hi Chala Chal (From "Swades")

Udit Narayan

00:00

07:26

Song Introduction

"यूं ही चला चल" फिल्म "स्वदेस" का एक अत्यंत लोकप्रिय गाना है, जिसे प्रसिद्ध गायक उदित नारायण ने गाया है। इस गीत के संगीतकार जगजीत सिंह हैं, और इसके बोल सुदीप नारायण ने लिखे हैं। "यूं ही चला चल" में देशभक्ति और आत्मनिर्भरता का संदेश बखूबी उकेरा गया है, जो फिल्म की केंद्रीय थीम से मेल खाता है। इस गाने की मधुर धुन और प्रेरणादायक शब्दों ने इसे दर्शकों में खासा पसंद किया है। फिल्म "स्वदेस" के संगीतिक योगदान में यह गीत एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है और इसे भारतीय सिनेमा के क्लासिक गानों में गिना जाता है।

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Lyric

ता मा, ता नी, नी दा, ता मा

ता मा, ता नी, नी दा, ता मा

उ उ उ उ उ, उ उ उ

उ उ उ उ उ, उ उ उ

उ उ उ उ उ उ उ उ उ, उ उ उ

उ उ उ उ उ, उ उ उ

यूँ ही चला चल राही

यूँ ही चला चल राही

कितनी हसीन है ये दुनिया

भूल सारे झमेले

देख फूलों के मेले

बड़ी रंगीन है ये दुनिया

रुम दुम दा ना ना राता दुम दा ना ना

रुम दुम दा ना ना राता दुम दा ना ना

रुम दुम दा ना ना राता दुम दा ना ना भैया

ये रास्ता है कह रहा अब मुझसे

मिलने को है कोई कहीं अब तुझसे

ये रास्ता है कह रहा अब मुझसे

मिलने को है कोई कहीं अब तुझसे (हो)

हो हो हो हो हो, हो

हो हो हो हो हो हो, हो

दिल को है क्यों ये बेताबी

किससे मुलाकात होनी है

जिसका कब से अरमाँ था

शायद वो ही बात होनी है

यूँ ही चला चल राही

यूँ ही चला चल राही

जीवन गाड़ी है समय पहिया

आँसू की नदियाँ भी हैं

ख़ुशियों की बगियाँ भी हैं

रस्ता सब तेरा तके भैया

यूँ ही चला चल राही

यूँ ही चला चल राही

कितनी हसीन है ये दुनिया

भूल सारे झमेले, देख फूलों के मेले

बड़ी रंगीन है ये दुनिया

है न न न

हे न न न

हे हे हे हे हे

देखूँ जिधर भी इन राहों में

रंग पिघलते हैं निगाहों में

ठण्डी हवा है, ठण्डी छाँव है

दूर वो जाने किसका गाँव है

बादल ये कैसा छाया

दिल ये कहाँ ले आया

सपना ये क्या दिखलाया है मुझको

हर सपना सच लगे

जो प्रेम अगन जले

जो राह तू चले, अपने मन की

हर पल की सीप से

मोती ही तू चुने

जो तू सदा सुने, अपने मन की

यूँ ही चला चल राही

यूँ ही चला चल राही

कितनी हसीन है ये दुनिया

भूल सारे झमेले, देख फूलों के मेले

बड़ी रंगीन है ये दुनिया

मन अपने को कुछ ऐसा हलका पाये

जैसे कंधों पे रखा बोझ हट जाये

जैसे भोला सा बचपन फिर से आये

जैसे बरसों में कोई गंगा नहाये

जैसे बरसों में कोई गंगा नहाये

धुल सा गया है ये मन

खुल सा गया हर बंधन

जीवन अब लगता है पावन मुझको

जीवन में प्रीत है

होंठों पे गीत है

बस ये ही जीत है, सुन ले राही

तू जिस दिशा भी जा

तू प्यार ही लुटा

तू दीप ही जला, सुन ले राही

यूँ ही चला चल राही

यूँ ही चला चल राही

कौन ये मुझको पुकारे

नदिया पहाड़ झील और झरने, जंगल और वादी

इन में हैं किसके इशारे

यूँ ही चला चल राही

यूँ ही चला चल राही

कितनी हसीन है ये दुनिया

भूल सारे झमेले, देख फूलों के मेले

बड़ी रंगीन है ये दुनिया

ये रास्ता है कह रहा अब मुझसे

मिलने को है कोई कहीं अब तुझसे

रुम दुम दा ना ना राता दुम दा ना ना

रुम दुम दा ना ना राता दुम दा ना ना

रुम दुम दा ना ना राता दुम दा ना ना भैया

सा नी सा गा गा गा गा मा मा मा मा रे रे रे रे रे सा

सा नी सा सा

सा नी सा सा

सा नी सा गा गा गा गा सा गा गा गा गा सा मा मा मा मा सा पा मा

सा नी सा सा

सा नी सा सा

यूँ ही चला चल रा...

सा नी सा सा

कितनी हसीन ये दुनिया

उ उ उ उ उ, उ उ उ

उ उ उ उ उ, उ उ उ

ता मा, ता नी, नी दा, ता मा

- It's already the end -