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"याद पिया की आने लगी" फ़ाल्गुनी पाठक का एक बेहद लोकप्रिय हिंदी गीत है। यह गीत प्रेम की तड़प और उनके आने की आशा को बखूबी दर्शाता है। फ़ाल्गुनी पाठक द्वारा गाया गया यह गीत 2000 के दशक में रिलीज़ हुआ और तुरंत ही चार्टबस्टर बन गया। इसका संगीत और बोल दोनों ही बेहद मनमोहक हैं, जिसने सुनने वालों के दिलों में अपनी खास जगह बना ली। इस गीत ने फ़ाल्गुनी पाठक की लोकप्रियता को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया और उन्हें "डिसो क्वीन" के रूप में स्थापित किया। "याद पिया की आने लगी" आज भी अपनी मधुर धुन और भावपूर्ण बोलों के साथ लोगों में उतनी ही पसंदीदा है जितनी शुरुआत में थी।
खन-खन खनके, खन-खन खनके
खन-खन खनके हाथ में (खन-खन), हाथ में
खन-खन खनके, खन-खन खनके
खन-खन खनके हाथ में (खन-खन), हाथ में
♪
चूड़ी जो खनकी हाथों में
(हाए-हाए, हाए-हाए, हाए-हाए)
(हाए-हाए, हाए-हाए, हाए-हाए)
हाए, चूड़ी जो खनकी हाथों में
चूड़ी जो खनकी हाथों में
याद पिया की आने लगी
हाए, भीगी-भीगी रातों में
(खन-खन-खन-खन)
(खन-खन-खन)
याद पिया की आने लगी
हाए, भीगी-भीगी रातों में
चूड़ी जो खनकी हाथों में
♪
ठंडी-ठंडी पवन चलें
तन-मन में, हाए, आग लगे
♪
ठंडी-ठंडी पवन चले
तन-मन में, हाए, आग लगे
तेरे प्यार की चिंगारी
अंग-अंग में, हाए, मेरे जले
रिमझिम सी बरसातों में
(हाए-हाए, हाए-हाए, हाए-हाए)
(हाए-हाए, हाए-हाए, हाए-हाए)
हाए, रिमझिम सी बरसातों में
रिमझिम सी बरसातों में
याद पिया की आने लगी
हाए, भीगी-भीगी रातों में
(खन-खन-खन-खन)
(खन-खन-खन)
याद पिया की आने लगी
हाए, भीगी-भीगी रातों में
चूड़ी जो खनकी हाथों में
(बाग़ा में कोयलड़ी बोले है)
(देखो, मोर-पपीहा नाचे है)
♪
अब के बरस, हाए, ये सावन
जान ना मेरी ले जाए
♪
अरे, अब के बरस, हाए, ये सावन
जान ना मेरी ले जाए
धक-धक मोरा जिया करे
तन से चुनर जब उड़ जाए
बोले जो कोयल बाग़ों में
(हाए-हाए, हाए-हाए, हाए-हाए)
(हाए-हाए, हाए-हाए, हाए-हाए)
हाए, बोले जो कोयल बाग़ों में
बोले जो कोयल बाग़ों में
याद पिया की आने लगी
हाए, भीगी-भीगी रातों में
(खन-खन-खन-खन)
(खन-खन-खन)
याद पिया की आने लगी
हाए, भीगी-भीगी रातों में
(खन-खन-खन-खन)
(खन-खन-खन)
याद पिया की आने लगी
हाए, भीगी-भीगी रातों में
(खन-खन-खन-खन)
(खन-खन-खन)
याद पिया की आने लगी
हाए, भीगी-भीगी रातों में
(खन-खन-खन-खन)
(खन-खन-खन-खन)