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Ankahee - Amitabh Bhattacharya

Ankahee

Amitabh Bhattacharya

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Song Introduction

"अन्कही" अमिताभ भट्टाचार्य द्वारा गाया गया एक सुल्फुल और भावनात्मक गीत है। इस गीत के बोल गहरे अनकहे एहसासों को बयां करते हैं, जबकि संगीत ने listeners के दिलों को छू लिया है। अमिताभ की आवाज़ की बेहतरीन प्रस्तुति और मधुर धुन ने "अन्कही" को संगीत प्रेमियों के बीच लोकप्रिय बना दिया है। यह गीत उन भावनाओं को उजागर करता है जिन्हें शब्दों में व्यक्त करना मुश्किल होता है, और इसे सुनकर कई लोगों ने गहरे निजी अनुभव महसूस किए हैं।

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Lyric

क्या कभी सँवेरा लाता है अँधेरा?

सूखी सियाही देती है गवाही

सदियों पुरानी ऐसी एक कहानी

रह गई, रह गई

अनकही

अनकही

क्या कभी सँवेरा लाता है अँधेरा?

सूखी सियाही देती है गवाही

सदियों पुरानी ऐसी एक कहानी

रह गई, रह गई

अनकही

अनकही

क्या कभी बहार भी पेशगी लाती है?

आने वाले पतझर की

ओ, बारिशें नाराज़गी भी जता जाती हैं

कभी-कभी अंबर की

पत्ते जो शाखों से टूटे

बेवजह तो नहीं रूठे हैं सभी

ख़्वाबों का झरोखा सच था या धोखा

माथा सहला के निंदियाँ चुराई

सदियों पुरानी ऐसी एक कहानी

रह गई, रह गई

अनकही

ओ, अनकही

- It's already the end -