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**अगर मैं कहूं** शंकर-ईशान-लॉय द्वारा संगीतबद्ध एक मधुर हिंदी गीत है, जो 2004 की फिल्म **लक्ष्य** में शामिल है। यह गीत सोनू निगम और शंकर महादेवन ने गाया है, और इसके बोल प्रसिद्ध कवि जावेद अख्तर ने लिखे हैं। "अगर मैं कहूं" अपने प्रेरणादायक बोल और भावपूर्ण संगीत के लिए दर्शकों में बेहद लोकप्रिय हुआ। फिल्म के मुख्य कलाकार रणबीर कपूर और लक्ष्मी दोगरा ने इस गीत को खूबसूरती से प्रस्तुत किया है, जो आज भी विभिन्न संगीत कार्यक्रमों और समारोहों में खूब बजाया जाता है।
अगर मैं कहूँ, "मुझे तुमसे मोहब्बत है
मेरी बस यही चाहत है," तो क्या कहोगी?
अगर मैं कहूँ, "मुझे तुमसे मोहब्बत है
मेरी बस यही चाहत है," तो क्या कहोगी?
मैं तुमसे कहूँगी, "इस बात को अगर तुम
ज़रा और सजा के कहते
ज़रा घुमा-फिरा के कहते
तो अच्छा होता"
♪
अगर मैं कहूँ, "तुमको जब देखूँ
लगती हो जैसे नई, होंठ हैं पंखुड़ी फूल की
आँखें जैसे जुगनूँ चमकते हुए"
सोचे मेरा ये दिल धड़कते हुए
अगर मैं कहूँ...
अगर मैं कहूँ, "ये जो चेहरा है
जैसे कोई चाँद है," तो क्या कहोगी?
मैं तुमसे कहूँगी, "मुझको भूले से भी
'चाँद' तुम ना कहो, चाँद में तो कई दाग़ हैं"
मुझे "फूल" ना कहना, वो मुरझाते हैं
"जुगनूँ" भी ना कहना, वो खो जाते हैं
ये बातें पुरानी हैं, जो मुझको सुनानी हैं
किसी और अदा से कहते
ज़रा घुमा-फिरा के कहते
तो अच्छा होता
अगर मैं कहूँ, "मुझे तुमसे मोहब्बत है
मेरी बस यही चाहत है," तो क्या कहोगी?
♪
अगर मैं कहूँ, "बातें सुन के तुम्हारी मैं हैरान हूँ"
जो भी कहना है, कैसे कहूँ?
लगता तुम्हें कुछ भी अच्छा नहीं
सच को भी कहती हो, सच्चा नहीं
अगर मैं कहूँ...
अगर मैं कहूँ, "तुम्हें पता नहीं है क्यूँ?
है प्यार मुझे भी तुमसे," तो क्या कहोगे?
मैं तुमसे कहूँगा, "मेरे दिल का है ये कहना
'हमको है साथ में रहना'"
ये दोनों के दिल में है ना
तो फिर क्यूँ कहना?
अगर मैं कहूँ...
तो मैं तुमसे कहूँगी...