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‘चाहे लाख तूफ़ान आएं’ गीत लता मंगेशकर द्वारा गाया गया है। यह गीत 1973 की प्रसिद्ध बॉलीवुड फिल्म 'जंजीर' से है, जिसके संगीतकलाकार कल्याणजी-आनंदजी हैं। इस गीत के बोल शायद जाफरी ने लिखे हैं। 'जंजीर' फिल्म ने उस समय धूम मचाई थी और यह गीत फिल्म की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। लता मंगेशकर का यह मधुर स्वर इस गीत को आज भी लोकप्रिय बनाए हुए है।
मोहब्बत की तड़प, ऐ दिल, इधर भी है, उधर भी है
कहें कैसे, यही मुश्किल इधर भी है, उधर भी है
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चाहे लाख तूफ़ाँ आएँ, चाहे जान भी अब जाए
मुश्किल हो जीना फिर भी, पड़े ज़हर पीना फिर भी
मिल के ना होंगे जुदा, जुदा, आ, क़सम खा लें
ये चाहत रहेगी सदा, आ-आ, क़सम खा लें
चाहे लाख तूफ़ाँ आएँ, चाहे जान भी अब जाए
मुश्किल हो जीना फिर भी, पड़े ज़हर पीना फिर भी
मिल के ना होंगे जुदा, जुदा, आ-आ, क़सम खा लें
ये चाहत रहेगी सदा, आ-आ, क़सम खा लें
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हमको तुम्हारे सिवा कोई चीज़ प्यारी नहीं
हमको तुम्हारे सिवा कोई चीज़ प्यारी नहीं
ज़िंदगी के सफ़र में ज़रूरत पड़ी जो कहीं
है वादा, तुमको छूकर, कि हँसते-हँसते तुम पर
कर देंगे जान फ़िदा, आ-आ, क़सम खा लें
कर देंगे जान फ़िदा, फ़िदा, आ, क़सम खा लें
मिल के ना होंगे जुदा, आ-आ, क़सम खा लें
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क़दम हैं तुम्हारे जहाँ, मेरी मंज़िलें हैं वहाँ
क़दम हैं तुम्हारे जहाँ, मेरी मंज़िलें हैं वहाँ
तुम ही तुम हो दुनिया मेरी, मेरे प्यार का आसमाँ
सनम, अब दिल पर अपने सितम हों चाहे जितने
ना छोड़ेंगे राह-ए-वफ़ा, आ-आ, क़सम खा लें
ना छोड़ेंगे राह-ए-वफ़ा, वफ़ा, आ, क़सम खा लें
मिल के ना होंगे जुदा, आ-आ, क़सम खा लें
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"ठहर जाए दो-चार पल," समय से ये कह दो ज़रा
"ठहर जाए दो-चार पल," समय से ये कह दो ज़रा
तुम्हारी मुलाक़ात से अभी दिल नहीं है भरा
अभी दिल नहीं है भरा (अभी दिल नहीं है भरा)
ना बदले कभी ये फ़ज़ा, आ-आ, क़सम खा लें
ना बदले कभी ये फ़ज़ा, फ़ज़ा, आ, क़सम खा लें
मिल के ना होंगे जुदा, आ-आ, क़सम खा लें
ये चाहत रहेगी सदा, सदा, आ, क़सम खा लें