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हम जो दीवाने थे कभी
अब वो दीवाने हम नहीं
साँसों से छूटा है धड़कन का वास्ता कहीं
हाँ, कहीं
Mmm, लफ़्ज़ों के धागे खुल गए (धागे खुल गए)
अब वो कहानी हम नहीं
हाँ, सब बीती हैं बातें
कोई दिलासा तक नहीं, है नहीं
आँखों तले बैठे दो भीगे-भीगे चेहरे हैं
वहीं ठहरे हैं
यादों वाले सारे किनारे बड़े गहरे हैं
हम जो तैरे हैं
ना वो मैं, ना वो तुम
ना वो पहली सी हैं बातें
ना वो दिन, दोपहर
ना वो शबनमी सी रातें
♪
ना वो पहली सी हैं बातें
ना वो शबनमी सी रातें
हाँ, पल जो हँसाते थे कभी (हँसाते थे कभी)
अब वो रुलाते तक नहीं
Hmm, अब क्या हो, कब क्या हो
कोई ठिकाना ही नहीं, है नहीं
हाँ, सजदे में थे हमारे जो
अब वो ख़ुदा से कम नहीं (ख़ुदा से कम नहीं)
हम उनसे पूछें क्या?
कोई बहाना भी नहीं, है नहीं
बिना वजह रूठे यूँ पागल बने बैठे हैं
ऐसे कैसे हैं?
जाने कहाँ देखो सितारों जैसे टूटे हैं
कहाँ छूटे हैं?
ना वो मैं, ना वो तुम
ना वो पहली सी हैं बातें
ना वो दिन, दोपहर
ना वो शबनमी सी रातें
♪
ना वो पहली सी हैं बातें
ना वो शबनमी सी रातें
ना वो मैं, ना वो तुम
हाँ, हाँ, ना वो तुम