background cover of music playing
Tuu - From "Auron Mein Kahan Dum Tha" - M. M. Kreem

Tuu - From "Auron Mein Kahan Dum Tha"

M. M. Kreem

00:00

04:11

Song Introduction

इस गाने के बारे में फिलहाल कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है।

Similar recommendations

Lyric

कोई जतन आराम ना आए, कोई हकीमी काम ना आए

तेरी सुद में जब ना तड़पूँ, ऐसी कोई शाम ना आए

मन ही अकेला धन था मेरा, लेके हुए दो नैन फ़रार

ऐसे लूटे ना कोई, जैसे लुटा कबीरा बीच बाज़ार

प्राण चले हैं छोड़ बदन को, हार गए पंडित-ओझा

साँस बिना मैं जी लूँ, सजनी, एक बार मेरी हो जा

तू, सूफ़ी के गानों जैसी तू, गर्मी की शामों जैसी तू

रात-रात मैं जागूँ मैं तेरे लिए रे

तू, होली के रंगों जैसी तू, उड़ती पतंगों जैसे तू

पीछे-पीछे भागूँ मैं तेरे लिए रे

तू...

घोर अमावस में मैं जन्मा, तू पूनम की रैन में आई

मैं गोकुल का वन हूँ, राधा, तू बरसाने की अमराई

चमक उठूँ, मैं खिल जाऊँ, तू मंतर जो मुझपे फेरे

मुझमें मेरा क्या है, सजनी, मन-मुरली दोनों तेरे

पोर-पोर में प्रीत जगा दे

रोम-रोम अमृत भर दे

रास रचा के, राधा-रानी

इस ग्वाले को कान्हा कर दे

कभी मेरा दिल छू कर जादू चला, जादूगर

कोई ना जो कर पाया, ओ, वसुधा, वो तू कर

ओ-हो, कोरा मैं यूँ तेरे बिन

जैसे काग़ज़ का पन्ना हो स्याही बिना रे

तू, सूफ़ी के गानों जैसी तू, गर्मी की शामों जैसी तू

रात-रात मैं जागूँ मैं तेरे लिए रे

तू...

लाल अगर हैं गाल गुलाबी, कारे नैन लजाए हैं

राम क़सम, एक तन में तूने कितने रंग छुपाए हैं

कौन है तीनों लोक में ऐसा देख तुझे जो धन्य नहीं?

तेरे रंग से मिलता-जुलता जग में कोई रंग नहीं

द्वार पे मेरे लेके आजा, ओ, चंदा, अपनी डोली

मल दे अबीर मेरे तन-मन पे, याद रहेगी ये होली

तू...

- It's already the end -