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गीत **'गोरे गोरे मुखड़े पे'** प्रसिद्ध गायक उदित नारायण द्वारा गाया गया है। यह गीत 1993 की लोकप्रिय बॉलीवुड फिल्म **'आईना'** से है, जिसे संगीतकार उस्ताद तालवर सिंह ने संगीतबद्ध किया है। इस गीत को उसकी मधुर धुन और भावपूर्ण लिरिक्स के लिए बहुत सराहना मिली है, जिसने इसे समय के साथ क्लासिक बना दिया है। **'गोरे गोरे मुखड़े पे'** आज भी विभिन्न संगीत मंचों और रेडियो कार्यक्रमों में प्रिय है, और इसे बॉलीवुड संगीत के स्वर्णिम दौर की एक महत्वपूर्ण धुन के रूप में याद किया जाता है।
गोरे-गोरे मुखड़े पे काला-काला चश्मा
अरे, गोरे-गोरे मुखड़े पे काला-काला चश्मा
तौबा, खुदा ख़ैर करे खूब है करिश्मा
खूब है करिश्मा
गोरे-गोरे मुखड़े पे काला-काला चश्मा
अरे, गोरे-गोरे मुखड़े पे काला-काला चश्मा
तौबा, खुदा ख़ैर करे खूब है करिश्मा
खूब है करिश्मा
गोरे-गोरे मुखड़े पे काला-काला चश्मा
हो-हो, गोरे-गोरे मुखड़े पे काला-काला चश्मा
देखो इसको ग़ौर से लड़की है के हूर है
जादू इसके रूप में ये कितनी मगरूर है
देखो इसको ग़ौर से लड़की है के हूर है
जादू इसके रूप में ये कितनी मगरूर है
देखूँ, जब देखूँ इसे दिल धड़के
तड़पे जवानी, दाई आँख फड़के
देखूँ, जब देखूँ इसे दिल धड़के
तड़पे जवानी, दाई आँख फड़के
तौबा, खुदा ख़ैर करे खूब है करिश्मा
खूब है करिश्मा
गोरे-गोरे मुखड़े पे काला-काला चश्मा
अरे, गोरे-गोरे मुखड़े पे काला-काला चश्मा
आदत अपनी छोड़ दे, कहना मेरा मान ले
जानी, मैं क्या चीज़ हूँ, तू मुझको पहचान ले
आदत अपनी छोड़ दे, कहना मेरा मान ले
जानी, मैं क्या चीज़ हूँ, तू मुझको पहचान ले
जा रे जा, अनाड़ी ऐसे बाते ना बना
जानू, मैं तो जानूँ तेरी मर्ज़ी है क्या
जा रे जा, अनाड़ी ऐसे बाते ना बना
जानू, मैं तो जानूँ तेरी मर्ज़ी है क्या
तूने मेरी जान मेरा देखा ना करिश्मा
देखा ना करिश्मा
गोरे-गोरे मुखड़े पे काला-काला चश्मा
अरे, गोरे-गोरे मुखड़े पे काला-काला चश्मा
तौबा, खुदा ख़ैर करे खूब है करिश्मा
खूब है करिश्मा
गोरे-गोरे मुखड़े पे काला-काला चश्मा
अरे, गोरे-गोरे मुखड़े पे काला-काला चश्मा