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"जानमान चुपके चुपके" 1997 की बॉलीवुड फिल्म "2001: एक अरब" से एक लोकप्रिय गीत है। इस गीत को उदित नारायण और अल्का याग्निक ने गाया है। नादिम-शरवन द्वारा संगीतबद्ध इस गीत के बोल समीर ने लिखे हैं। "जानमान चुपके चुपके" अपने मधुर सुर और रोमांटिक लिरिक्स के लिए दर्शकों में बहुत पसंद किया गया था और आज भी यह गीत संगीत प्रेमियों के बीच प्रिय है।
जान-ए-मन, चुपके-चुपके, सारी दुनिया से छुपके
तुम ने ऐसी बात कही दिल मेरा खो गया
जान-ए-मन, जान-ए-मन
जान-ए-मन, जान-ए-मन
जान-ए-मन, चुपके-चुपके, सारी दुनिया से छुपके
तुम ने ऐसी बात कही दिल मेरा खो गया
♪
जान-ए-मन, चुपके-चुपके, सारी दुनिया से छुपके
हाँ, जान-ए-मन, चुपके-चुपके, सारी दुनिया से छुपके
जान-ए-मन, चुपके-चुपके, सारी दुनिया से छुपके
तुम ने ऐसी बात कही दिल मेरा खो गया
ना जाने कब प्यार हो गया, सनम, इक़रार हो गया
ना जाने कब प्यार हो गया, सनम, इक़रार हो गया
जान-ए-मन, चुपके-चुपके, सारी दुनिया से छुपके
जान-ए-मन, चुपके-चुपके, सारी दुनिया से छुपके
तुम ने ऐसी बात कही दिल मेरा खो गया
ना जाने कब प्यार हो गया, सनम, इक़रार हो गया
ना जाने कब प्यार हो गया, सनम, इक़रार हो गया
♪
तेरी हर मुस्कान में ना जाने कैसा जादू है
तेरी हर मुस्कान में ना जाने कैसा जादू है
बिन देखे ही, दिलबर, तेरा ये आशिक़ बेक़ाबू है
मैं भी तुझे पल-पल महसूस करती हूँ
मैं भी तुझे पल-पल महसूस करती हूँ, तेरी क़सम
इस मौसम की बाँहों में, अनजानी इन राहों में
इस मौसम की बाँहों में, अनजानी इन राहों में
तुम ने ऐसी बात कही दिल मेरा खो गया
ना जाने कब प्यार हो गया, सनम, इक़रार हो गया
ना जाने कब प्यार हो गया, सनम, इक़रार हो गया
♪
तेरे ही बारे में, दिलबर, मैंने सुब्ह-ओ-शाम लिखा
तेरे ही बारे में, दिलबर, मैंने सुब्ह-ओ-शाम लिखा
हर धड़कन पे बेचैनी में मैंने तेरा नाम लिखा
मैं जी नहीं सकता होके जुदा तुझसे
मैं जी नहीं सकता होके जुदा तुझसे, जान-ए-वफ़ा
गुलशन में, वीरानों में, आके मेरे कानों में
गुलशन में, वीरानों में, आके मेरे कानों में
तुम ने ऐसी बात कही दिल मेरा खो गया
ना जाने कब प्यार हो गया, सनम, इक़रार हो गया
ना जाने कब प्यार हो गया, सनम, इक़रार हो गया
जान-ए-मन, चुपके-चुपके, सारी दुनिया से छुपके
अरे, जान-ए-मन, चुपके-चुपके, सारी दुनिया से छुपके
तुम ने ऐसी बात कही दिल मेरा खो गया
ना जाने कब प्यार हो गया, सनम, इक़रार हो गया
ना जाने कब प्यार हो गया, सनम, इक़रार हो गया