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कितनी बातें याद आती हैं, तस्वीर ऐसी बन जाती है
मैं कैसे इन्हें भूलूँ? दिल को क्या समझाऊँ?
कितनी बातें कहने की हैं, होंठों पर जो सहमी सी हैं
एक रोज़ इन्हें सुन लो, क्यूँ ऐसे गुमसुम हो?
क्यूँ पूरी हो ना पाई दास्ताँ?
कैसे आई हैं ऐसी दूरियाँ?
♪
दोनों के दिलों में छुपा है जो एक अनजाना सा ग़म
क्या हो पाएगा वो कम? कोई क्या कहे?
दोनों ने कभी ज़िंदगी के एक मोड़ पे थी जो पाई
है कैसी वो तनहाई? कोई क्या कहे?
कितना वीरान है ये समाँ
साँसों में जैसे घुलता है धुआँ
कैसे आई हैं ऐसी दूरियाँ?
कितनी बातें याद आती हैं
तस्वीर ऐसी बन जाती है, मैं कैसे इन्हें भूलूँ?
♪
तुम से आज यूँ मिल के दिल को याद आए लम्हें कल के
ये आँसू क्यूँ हैं छलके? अब क्या कहें?
तुम ने हम को देखा जो ऐसे तो एक उम्मीद है जागी
फिर तुम से प्यार पाने की, अब क्या कहें?
आ गए हम कहाँ से कहाँ
देखें मुड़ के ये दिल का कारवाँ
कैसे आई हैं ऐसी दूरियाँ?
कितनी बातें कहने की हैं, होंठों पर जो सहमी सी हैं
एक रोज़ इन्हें सुन लो, क्यूँ ऐसे गुमसुम हो?
कितनी बातें याद आती हैं, तस्वीर ऐसी बन जाती है
मैं कैसे इन्हें भूलूँ? दिल को क्या समझाऊँ?