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इश्क़ में हम तुम्हें क्या बताएँ
किस क़दर चोट खाए हुए हैं
♪
इश्क़ में हम तुम्हें क्या बताएँ
इश्क़ में हम तुम्हें क्या बताएँ
किस क़दर चोट खाए हुए हैं
इश्क़ में हम तुम्हें क्या बताएँ
किस क़दर चोट खाए हुए हैं
मौत ने हमको, हाँ, मौत ने हमको
मौत ने हमको मारा है और हम
ज़िंदगी के सताए हुए हैं
मौत ने हमको मारा है और हम
ज़िंदगी के सताए हुए हैं
इश्क़ में हम तुम्हें क्या बताएँ
♪
ऐ लहद, अपनी मिट्टी से कह दे
दाग़ लगने ना पाए कफ़न को
ऐ लहद, अपनी मिट्टी से कह दे
दाग़ लगने ना पाए कफ़न को
आज ही हमने, हो, आज ही हमने
आज ही हमने बदले हैं कपड़े
आज ही हम नहाए हुए हैं
आज ही हमने बदले हैं कपड़े
आज ही हम नहाए हुए हैं
इश्क़ में हम तुम्हें क्या बताएँ
♪
सुर्ख़ आँखों में काजल लगा है
रुख़ पे गाज़ा सजाए हुए हैं
सुर्ख़ आँखों में काजल लगा है
रुख़ पे गाज़ा सजाए हुए हैं
ऐसे आए हैं, हो, ऐसे आए हैं
ऐसे आए हैं मय्यत पे मेरी
जैसे शादी में आए हुए हैं
ऐसे आए हैं मय्यत पे मेरी
जैसे शादी में आए हुए हैं
इश्क़ में हम तुम्हें क्या बताएँ
♪
दुश्मनों की शिकायत हमेशा
दोस्तों से गिला क्या करेंगे
दुश्मनों की शिकायत हमेशा
दोस्तों से गिला क्या करेंगे
कट चुके जिन, हाँ, कट चुके जिन
कट चुके जिन दरख़्तों के पत्ते
फिर कहाँ उनके साए हुए हैं
कट चुके जिन दरख़्तों के पत्ते
फिर कहाँ उनके साए हुए हैं
(इश्क़ में हम तुम्हें क्या बताएँ)
(इस क़दर चोट खाए हुए हैं)
(मौत ने हमको मारा है और हम)
(ज़िंदगी के सताए हुए हैं)
(इश्क़ में हम तुम्हें क्या बताएँ)