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(सुख के सब साथी, दुख में ना कोई)
(सुख के सब साथी, दुख में ना कोई)
(मेरे राम, मेरे राम)
(तेरा नाम एक साँचा, दूजा ना कोई)
(सुख के सब साथी)
दिल का तो है क्या, ये कब रहा सलामत है?
दिल तो अब ये बोले, "जा, तुझपे भी तो लानत है"
प्रभु, करूँ दिल की क्या शिकायत
टूटा इतनी बारी है कि अब तो इसको आदत है
माँगी थी दिवाली, प्रभु, मिले मुझको मातम हैं
खुद को सगा कहने वाले, असलियत में घातक हैं
चेहरे पे नकाब देखा, खुद ही ना मैं जानूँ
जी रहा हूँ ज़िन्दगी, या ज़िन्दगी ही नाटक हैं
नियति के खेल में ना प्रभु मेरा वश
नियति के आगे तेरा प्राणी भी विवाश
तजुर्बे तो कमाए पर फ़िर भी हूँ नादान ही
झूठ कोई बोले वो भी लगता मुझको सच
राम, तेरे नाम से उम्मीदें अब तो पाली
आँसू जब भी गिरें, देख, दुनिया मारे ताली
कहानी सुनी सारों की, जब आई मेरी बारी
सुनाने लगा दर्दों को तो कुर्सियाँ थी काली
खेल जज़्बातों से क्यूँ प्राणी तेरा सोता है?
दिल से जो निभाते, दिल उन्हीं का तो रोता है
आँसू ना दिखाता, पर राम तुम ये जानो
मैं भी तेरा प्राणी, दर्द मुझे भी तो होता है
ख़ुशी देने ओरों को, खुद को ही धकेलें हम
ख़ुशी हम भी चाहें, पर होते ना अँधेरे कम
चारों ओर देखा, मेरी बारी में है कोई नहीं
पाया मैंने राम, खड़े फ़िर से हैं अकेले हम
खड़े हैं अकेले हम नाम लेके तेरा ही
तू ही है डगर, प्रभु, तू ही है बसेरा भी
तू ही मेरी रैना, प्रभु, तू ही है सवेरा भी
तुम ही तो मिटाओगे पीड़ा का अँधेरा भी
जो भी मिला, दिया उसने दिल को मेरे नोच
लाखों गुनहगार हैं, मैं कितनों को दूँ दोष?
ऐसे ही ना गानों में बातें करूँ त्रेता की
ये काल बना शाप और राम ही हैं मोक्ष
(सुख के सब साथी, दुख में ना कोई)
(सुख के सब साथी, दुख में ना कोई)
(मेरे राम, मेरे राम)
(तेरा नाम एक साँचा, दूजा ना कोई)
(सुख के सब साथी)
(मेरे राम, मेरे राम)