background cover of music playing
Ya Rabba (From "Salaam-E-Ishq") - Kailash Kher

Ya Rabba (From "Salaam-E-Ishq")

Kailash Kher

00:00

06:58

Similar recommendations

Lyric

प्यार है या सज़ा, ऐ मेरे दिल, बता

टूटता क्यूँ नहीं दर्द का सिलसिला?

इस प्यार में हों कैसे-कैसे इम्तिहाँ

ये प्यार लिखे कैसी-कैसी दास्ताँ

या-रब्बा, दे-दे कोई जान भी अगर

दिलबर पे हो ना, दिलबर पे हो ना कोई असर

हो, या-रब्बा, दे-दे कोई जान भी अगर

दिलबर पे हो ना, दिलबर पे हो ना कोई असर

हो, प्यार है या सज़ा, ऐ मेरे दिल, बता

टूटता क्यूँ नहीं दर्द का सिलसिला?

कैसा है सफ़र वफ़ा की मंज़िल का

ना है कोई हल दिलों की मुश्किल का

धड़कन-धड़कन बिखरी रंजिशें

साँसें-साँसें टूटी बंदिशें

कहीं तो हर लमहा होंठों पे फ़रियाद है

किसी की दुनिया चाहत में बर्बाद है

या-रब्बा, दे-दे कोई जान भी अगर

दिलबर पे हो ना, दिलबर पे हो ना कोई असर

हो, या-रब्बा, दे-दे कोई जान भी अगर

दिलबर पे हो ना, दिलबर पे हो ना कोई असर

कोई ना सुने सिसकती आहों को

कोई ना धरे तड़पती बाँहों को

आधी-आधी पूरी ख़्वाहिशें

टूटी-फूटी सब फ़रमाइशें

कहीं शक है, कहीं नफ़रत की दीवार है

कहीं जीत में भी शामिल पल-पल हार है

या-रब्बा, दे-दे कोई जान भी अगर

दिलबर पे हो ना, दिलबर पे हो ना कोई असर

हो, या-रब्बा, दे-दे कोई जान भी अगर

दिलबर पे हो ना, दिलबर पे हो ना कोई असर

हो, प्यार है या सज़ा, ऐ मेरे दिल, बता

टूटता क्यूँ नहीं दर्द का सिलसिला? हो-हो

ना पूछो दर्द बंदों से

हँसी कैसी, ख़ुशी कैसी

मुसीबत सर पे रहती है

कभी कैसी, कभी कैसी

हो, रब्बा

रब्बा

रब्बा, हो

हो, रब्बा

- It's already the end -