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ज़ख़्म को कुरेद के पूछे हाल वो मेरा
बोलो, क्या अब उन्हें जवाब दें?
भूल वो हमें गए आ के पास फिर मेरे
पूछते हम क्या याद हैं तुम्हें?
कभी जो ख़्वाब देखा तो मिलीं परछाइयाँ मुझको
कभी जो ख़्वाब देखा तो मिलीं परछाइयाँ मुझको
मुझे महफ़िल की ख़्वाहिश थी, मिलीं तन्हाइयाँ मुझको
हर तरफ़ धुआँ-धुआँ, और तुम
आशियाने की बात करते हो
आँख है भरी-भरी, और तुम
मुस्कुराने की बात करते हो
ज़िंदगी ख़फ़ा-ख़फ़ा, और तुम
दिल लगाने की बात करते हो
ज़ख़्म को कुरेद के पूछे हाल वो मेरा
बोलो, क्या अब उन्हें जवाब दें?
भूल वो हमें गए आ के पास फिर मेरे
पूछते हम क्या याद हैं तुम्हें?
मेरे हालात ऐसे हैं कि मैं कुछ कर नहीं सकता
मेरे हालात ऐसे हैं कि मैं कुछ कर नहीं सकता
तड़पता है ये दिल, लेकिन ये आहें भर नहीं सकता
ज़ख़्म है हरा-हरा, और तुम
चोट खाने की बात करते हो
आँख है भरी-भरी, और तुम
मुस्कुराने की बात करते हो
ज़िंदगी ख़फ़ा-ख़फ़ा, और तुम
दिल लगाने की बात करते हो
ज़ख़्म को कुरेद के पूछे हाल वो मेरा
बोलो, क्या अब उन्हें जवाब दें?
भूल वो हमें गए आ के पास फिर मेरे
पूछते हम क्या याद हैं तुम्हें?
आँख है भरी-भरी (पूछे हाल वो मेरा)
और मुस्कुराने की बात करते हो
(भूल वो हमें गए आ के पास फिर मेरे)
और दिल लगाने की बात करते हो