00:00
05:32
हूँ ख़ुद ही से लापता
Hmm-hmm, hmm-hmm
हूँ ख़ुद ही से लापता
चीखती मेरी ख़ामोशियाँ यहाँ
बेख़्वाब से ख़्वाब हैं ख़्वाबों में मेरे
खुरदुरे सन्नाटों में (सन्नाटों में, सन्नाटों में...)
कहीं तो क़ैद मेरी आहटें हैं
बेसाख़्ता इस दर्द से अब ले जा छुड़ा के
(ले जा तू मुझे) खुले आसमाँ में
(ले जा तू मुझे) अपने जहाँ में
(ले जा तू मुझे) कर के रिहा
तू ले जा, अब ले जा
तू ले जा मुझे, ले जा
♪
हो, अब दबी-दबी आवाज़ है
खोए सभी अल्फ़ाज़ हैं
नाराज़ क्यूँ साज़ है गानों से मेरे?
चुभ रहीं हैं वो शिकायतें
शिकायतें ना जाने क्यूँ अपनी चाहतें
बेसाख़्ता इस दर्द से अब ले जा छुड़ा के
(ले जा तू मुझे) खुले आसमाँ में
(ले जा तू मुझे) अपने जहाँ में
(ले जा तू मुझे) कर के रिहा
तू ले जा, अब ले जा
तू ले जा मुझे, ले जा
♪
पल टूटा-टूटा है
भीगा-भीगा है ख़्वाबों का निशाँ
ओ, मन रूठा-रूठा है
अब अकेला है यादों का जहाँ
हो, अंजाने लोगों की दुनिया से ले जा
(ले जा तू मुझे) खुले आसमाँ में
(ले जा तू मुझे) हो, अपने जहाँ में
(ले जा तू मुझे) खुले आसमाँ में
(ले जा तू मुझे) ले जा, मेरी जाँ, ले जा
(ले जा तू मुझे) अपने जहाँ में
(ले जा तू मुझे, ले जा तू मुझे) तू मुझे
कर के रिहा तू ले जा
कर के रिहा तू ले जा
खुले आसमाँ में, अपने जहाँ में
कर के रिहा तू ले जा, ले जा, ले जा