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दो-चार दिन से यूँ ही
ख़ुद से भी मैं ख़फ़ा हूँ
आ के जो तू मिले
देखो, मैं हँस पड़ा हूँ
आज फिर, आज फिर
आज फिर, आज फिर
आते-जाते लोगों से
होने लगी है यारी
लगने लगी हैं मुझको
ये शामें और प्यारी
आज फिर, आज फिर
आज फिर, आज फिर
♪
आवाज़ तेरी सुनूँ, आ जाए दिल को सुकूँ
बाक़ी है जो भी यहाँ, सब शोर है
तू और आँखें तेरी दोनों है जन्नत मेरी
जीने की वजह यहाँ क्या और है?
पूरा का पूरा मैं तो
अब तेरा हो चुका हूँ
आ के जो तू मिले
देखो, मैं हँस पड़ा हूँ
आज फिर, आज फिर
आज फिर, आज फिर
♪
दिल में जो मेरे दबी इक दिन वो बातें सभी
खुलके बताऊँ तुम्हें, ये शौक़ है
जैसे किसी ने कभी चाहा किसी को नहीं
वैसे मैं चाहूँ मैं तुम्हें, ये शोक है
चाहो तो प्यार कह लो
या कह लो सरफिरा हूँ
आ के जो तू मिले
देखो, मैं हँस पड़ा हूँ
आज फिर, आज फिर
आज फिर, आज फिर