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Aa Zara (Reloaded)[Remix By Kiran Kamath] - Sunidhi Chauhan

Aa Zara (Reloaded)[Remix By Kiran Kamath]

Sunidhi Chauhan

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Lyric

ये रात रुक जाए, बात थम जाए

तेरी बाँहों में

ख़्वाहिशें जगी हैं प्यासे-प्यासे लबों पे

ख़ुद को जला दूँ तेरी आहों में

आगोश में आज मेरे समा जा

जाने क्या होना है कल

आ ज़रा क़रीब से

जो पल मिलें नसीब से...

आजा ज़रा क़रीब से

जो पल मिलें नसीब से, जी ले

ये जहाँ सारा भूलकर

जिस्मों के साए तले

धीमी-धीमी साँसें चलें रात-भर

पल-दो-पल हम हैं हमसफ़र

हैं अभी दोनों यहाँ

होंगे सुबह जाने कहाँ, क्या ख़बर

आजा ज़रा ख़ुद को मुझमें मिला जा

जाने क्या होना है कल

आ ज़रा क़रीब से

जो पल से मिलें नसीब से...

आजा ज़रा क़रीब से

जो पल मिलें नसीब से, जी ले

ख़्वाब हूँ मैं तो मख़मली

पलकों में ले जा मुझे

मैंने दिया मौक़ा तुझे, अजनबी

होश में आएँ ना अभी

एक-दूजे में ही कहीं

खोई रहे तेरी-मेरी ज़िंदगी

खामोशियाँ धड़कनों की सुना जा

जाने क्या होना है कल

आ ज़रा क़रीब से

जो पल मिलें नसीब से...

आ-आ ज़रा क़रीब से

जो पल मिलें नसीब से, आजा...

- It's already the end -