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मैं चला शहर से दूर, नदी के और पहाड़ों के बीच
सबसे दूर अकेले रहने, तेरी याद, हाँ, मुझ को आए
समझ ना पाया वो गुज़री बातें, गुम हैं वो पल, हसीन रातें
लिखने जा रहा हूँ एक नई कहानी, कानों में गूँजे तेरी बातें
आओ चलें हवाओं के संग, चल चलें प्यार में हम
आओ चलें हवाओं के संग, चल चलें प्यार में हम
नज़ारे ये बताते हैं, किनारों से पुकारते हैं
एक धुन में खो जाती है, क्या मैंने ज़िंदगी समझ ली है?
आओ चलें हवाओं के संग, चल चलें प्यार में हम
आओ चलें हवाओं के संग, चल चलें प्यार में हम
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आओ चलें हवाओं के संग, चल चलें प्यार में हम
आओ चलें हवाओं के संग, चल चलें प्यार में हम
आओ चलें हवाओं के संग, चल चलें प्यार में हम
आओ चलें हवाओं के संग, चल चलें प्यार में हम
आओ चलें हवाओं के संग, चल चलें प्यार में हम
आओ चलें हवाओं के संग, चल चलें प्यार में हम