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"बड़ी हसीन रात थी" जगजीत सिंह द्वारा गाया गया एक लोकप्रिय हिंदी गीत है। यह गीत उनकी मधुर आवाज और गहरे गीतों की प्रस्तुति के लिए जाना जाता है। संगीत की सुंदरता और भावनाओं की गहराई इस गीत में स्पष्ट रूप से परिलक्षित होती है। "बड़ी हसीन रात थी" ने श्रोताओं के दिलों में एक खास स्थान बना लिया है और यह आज भी संगीत प्रेमियों के बीच बेहद प्रिय है। जगजीत सिंह के अद्वितीय अंदाज ने इस गीत को अविस्मरणीय बना दिया है।
चराग़-ओ-आफ़ताब गुम, बड़ी हसीन रात थी
चराग़-ओ-आफ़ताब गुम, बड़ी हसीन रात थी
शबाब कि नक़ाब गुम, बड़ी हसीन रात थी
चराग़-ओ-आफ़ताब गुम, बड़ी हसीन रात थी
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मुझे पिला रहे थे वो कि ख़ुद ही शम्मा बुझ गई
मुझे पिला रहे थे वो कि ख़ुद ही शम्मा बुझ गई
गिलास गुम, शराब गुम, बड़ी हसीन रात थी
चराग़-ओ-आफ़ताब गुम, बड़ी हसीन रात थी
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लिखा था जिस किताब में कि इश्क़ तो हराम है
लिखा था जिस किताब में कि इश्क़ तो हराम है
हुई वही किताब गुम, बड़ी हसीन रात थी
चराग़-ओ-आफ़ताब गुम, बड़ी हसीन रात थी
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लबों से लब जो मिल गए, लबों से लब ही सिल गए
लबों से लब जो मिल गए, लबों से लब ही सिल गए
सवाल गुम, जवाब गुम, बड़ी हसीन रात थी
चराग़-ओ-आफ़ताब गुम, बड़ी हसीन रात थी
शबाब कि नक़ाब गुम, बड़ी हसीन रात थी
चराग़-ओ-आफ़ताब गुम, बड़ी हसीन रात थी