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खामोशी के चेहरे थे या
लगता है के धुप खिली
कितने दिन के बाद मैं हँस के
अपने आप से आज मिली
चल कहीं दूर चले
चल कहीं दूर चले
चल कहीं दूर चले
♪
रंजिश और रुसवाईयों से
बेवजह बेचैनियों से
रंजिश और रुसवाईयों से
बेवजह बेचैनियों से
उलझे रास्तों से
दर्द के सब बंधनों से
खुश नहीं है दिल तू जिनसे
अपनी ही उन उलझनों से
चल कहीं दूर चले
चल कहीं दूर चले
चल कहीं दूर चले
चल कहीं दूर चले
चल कहीं दूर चले
चल कहीं दूर चले
♪
हो, खोलेंगे-खोलेंगे बाँहों का घेरा
खोलेंगे-खोलेंगे बाँहों का घेरा
जो चाहे कर ले अँधेरा
सूरज जैसा खिलता चेहरा
वादा किया, वादा किया, खुद से ही वादा किया
टूटूँगी ना कभी पक्की है ये बात भी
ग़म से है मुझको कर ना किनारा
ऐसा होना है ऐ दिल, ऐसा होना है ऐ दिल
मैं ही रास्ता, मैं ही मंज़िल
मैं ही महफ़िल, मैं ही रौनक
खुदको करना है हासिल
मेरे वो है जो मेरे क़ाबिल
खाली लोगों से, लमहों से आ ऐ दिल
हो फ़ासले, हो फ़ासले
हो फ़ासले, हो फ़ासले
चल कहीं दूर चले
चल कहीं दूर चले
चल कहीं दूर चले
चल कहीं दूर चले
चल कहीं दूर चले
चल कहीं दूर चले