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ओ रसिया, रसिया
बावली सी प्रीत मोरी
अब चल कैसे पाएं
आजा रसिया मोहे अंग लगा ले
बावली सी प्रीत मोरी
अब चल कैसे पाएं
आजा रसिया मोहे अंग लगा ले
अंग लगा ले, अंग लगा ले
अंग लगा ले, अंग लगा ले
♪
तन एक, जां एक
अपना हो जहां एक
ऐसे लिपटे रूह से रूह
के हो जाए इमां एक
ओ, गेसुओं सी काली रतियां
अंधेरों पे काँपे बतियां
साँवली सी साँसें मोरी अरज सुनावे
आँखें मोरी श्वेत प्रीत पे रंग सजा दे
बावली सी प्रीत मोरी
अब चल कैसे पाएं
आजा रसिया मोहे अंग लगा ले
बावली सी प्रीत मोरी
अब चल कैसे पाएं
आजा रसिया मोहे अंग लगा ले
अंग लगा ले, अंग लगा ले
अंग लगा ले, अंग लगा ले