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जिस सुबह मैं तुझे एक नज़र देख लूँ
सारा दिन फिर मेरा अच्छा गुज़रता है
हर किसी के लिए ये धड़कता नहीं
बस तुझे देख कर दिल धड़कता है
मेरी हर बात में ज़िक्र तेरा करूँ
तेरी तारीफ़ से चाँद नाराज़ है
चाँद नाराज़ है, चाँद नाराज़ है
चाँद नाराज़ है, चाँद नाराज़ है
तेरी परवाह करूँ या करूँ चाँद की?
क्या करूँ मैं अगर चाँद नाराज़ है?
इश्क़ पहला भी तू, इश्क़ आख़िर भी तू
तुझपे दिल आ गया, दिल दग़ाबाज़ है
एक फ़ीसद भी वो तेरे जैसा नहीं
बस यही सोचकर चाँद नाराज़ है
चाँद नाराज़ है, चाँद नाराज़ है
चाँद नाराज़ है, चाँद नाराज़ है
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हाँ, ज़रूरत से भी ज़्यादा तेरी ज़रूरत है
तू ही दिल की मेरे पहली मोहब्बत है
इश्क़ ज़्यादा से भी ज़्यादा तुझसे मैं करता हूँ
कुछ ना कुछ है वजह, तेरी ही हरकत है
दिल मेरा पल में हर फ़ैसला कर गया
बस तुझको देखा, फिर तुझपे मर गया
धड़कनों को मेरी दिल सुनाता है जो
वो तुझको मालूम है, तू वही साज़ है
चाँद नाराज़ है, चाँद नाराज़ है
दिल दग़ाबाज़ है, चाँद नाराज़ है
तेरी परवाह करूँ या करूँ चाँद की?
क्या करूँ मैं अगर चाँद नाराज़ है?
इश्क़ पहला भी तू, इश्क़ आख़िर भी तू
तुझपे दिल आ गया, दिल दग़ाबाज़ है
एक फ़ीसद भी वो तेरे जैसा नहीं
बस यही सोचकर चाँद नाराज़ है