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रूखे-रूखे है मौसम के लब बिन तेरे
सूखे पेड़ों से हो गए मेरे शाम-सवेरे
इक रंज है राह गुज़ारों में
इक आग लगी गुलज़ारों में
हर साँस घुली अंगारों में
सुन भी ले मेरी सदा
अब आजा आ, सनम, फिरूँ मैं बेक़रार
अब आजा आ, सनम, करूँ तेरा इंतज़ार
♪
अब है अधूरी तेरे बिना रातें ये सारी मेरी
अब है अधूरे तेरे बिन ख़्वाब ये सारे मेरे
हाँ, तेरे बिन ना गुज़रने पे वक़्त तुला है
तेरे बिन जैसे दर्द हवा में घुला है
जैसे चोट हरी है, जैसे जख़्म खुला है
मेरा जीना हुआ सज़ा
अब आजा आ, सनम, फिरूँ मैं बेक़रार
अब आजा आ, सनम, करूँ तेरा इंतज़ार
♪
बिन तेरे खाली-खाली तारों भरा हो के भी आसमाँ
सुने रस्ते सारे, सुना-सुना सा है सारा जहाँ
तेरे बिन, तेरे बिन, हाँ, तेरे बिन
बेरूखी से कटते है मेरे दिन
तेरे बिन जैसे जलती है चाँद सी रातें
तेरे बिन जैसे खलती है होंठों को बातें
जैसे कोरे वरक़, जैसे खाली दावतें
जैसे सब कुछ है बेवजह
अब आजा आ, सनम, फिरूँ मैं बेक़रार
अब आजा आ, सनम, करूँ तेरा इंतज़ार