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हो, मत्था टेकूँ या मैं चल दूँ नंगे पाँव कहीं
ऐसी क़िस्मत हर किसी के हिस्से आती नहीं
नज़र उतारूँ या मैं कर दूँ इसको क़ैद कहीं
ऐसी उल्फ़त हर किसी के हक़ में आती नहीं
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मधुबाला से भी आला दिखती हो
मेरी नज़र से तुम को देखूँ तो
मधुबाला से भी आला दिखती हो
मेरी नज़र से तुम को देखूँ तो
सब कहें, "अरे-अरे, अरे-अरे, पगला गया है तू"
समझ से है परे, परे, परे ये तेरा जादू-जादू
ज़ोहरा-जबीं से भी हसीं लगती हो
मेरी नज़र से तुम को देखूँ तो
हो, मधुबाला से भी आला दिखती हो
मेरी नज़र से तुम को देखूँ तो
मेरी नज़र से तुम को देखूँ तो
हो, मेरी नज़र से तुम को देखूँ तो
Mmm-hmm, mmm-hmm
Mmm-hmm-hmm, mmm-hmm
मेरी नज़र से तुम को देखूँ तो