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Veera Raja Veera - Composition Based on a Dagarvani Tradition Dhrupad

Veera Raja Veera

Composition Based on a Dagarvani Tradition Dhrupad

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Song Introduction

‘वीरा राजा वीरा’ एक उत्कृष्ट द्रुपद रचना है जो दगरवाणी परंपरा पर आधारित है। यह गीत शास्त्रीय हिंदी संगीत के गहरे भाव और पारंपरिक लय को समेटे हुए है। दगरवाणी शैली की विशेषताओं जैसे कि परिगम और तान से भरपूर, यह रचना श्रोता को आध्यात्मिक आनंद प्रदान करती है। कलाकार की निपुण प्रस्तुति में द्रुपद की गूढ़ता और भावपूर्ण अभिव्यक्ति स्पष्ट रूप से झलकती है। ‘वीरा राजा वीरा’ पारम्परिक संगीत प्रेमियों के बीच विशेष रूप से लोकप्रिय है और इसे सांस्कृतिक समारोहों में अक्सर प्रस्तुत किया जाता है।

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Lyric

देवा दे आशीर्वाद

चोला वंश जय-जयकार, जय-जयकार

चढ़ी रहे विजय की धार

आरती उतारूँ

बोलो, जय-जयकार सखी

योद्धा युद्ध पर चले हैं

तीरों पर पले हैं शूरवीर

बोलो, जय-जयकार

बोलो, जय-जयकार

तीर पर खैंचे तीर सारे शूरवीर

बरसे आग-पानी, चोटी पर निशानी

सागर हार माने, चोला राज जाने

शत्रु के ठिकाने

दुश्मन पे टूटे जब बिजलियों का वार

तर्कशों से छूटे जब तीरों की झंकार

बोलो, जय-जयकार

बोलो, जय-जयकार

योद्धा युद्ध पर चले हैं

तीरों पर पले हैं

देव-दासियाँ सजेंगी, मृदंग नौबतें बजेंगी

शान का हो बयाँ, शब्द ना मिलेंगे जी

नौके, कश्तियों पे बादबाँ उड़ रहे हैं

थामकर हवाओं को बादल जुड़ रहे हैं

लहरों पर रथ भगाएँ, किरणों की लगाम हो

होठों पे सिरा की राजा तेरा नाम हो

शूरवीर, सूरमा, बोलो, जय-जयकार

देवदासियाँ सजेंगी, मृदंग नौबतें बजेंगी

शान का हो बयाँ, शब्द ना मिलेंगे जी

नौके, कश्तियों पे बादबाँ उड़ रहे हैं

थामकर हवाओं को बादल जुड़ रहे हैं

लहरों पर रथ भगाएँ, किरणों की लगाम हो

होठों पे सिरा की राजा तेरा नाम हो

शूरवीर, सूरमा, बोलो, जय-जयकार

आँधी से तेज़, तूफ़ाँ से तेज़

चुन-चुन, चुन-चुन, चली रे, चली चिंगारी

अंग-अंग, अंग-अंग, लागी रे, लागी अंगारी

आकाश काँपता है, सागर हाँफ़ता है

तेरी तलवार, हाय, चाँद कट ना जाए

खून पीके शत्रु का रंग यूँ बदलता है

सागर और माँगे, प्यासा लगता है

शेर दहाड़ते हैं, चट्टानें फाड़ते हैं

ऐसे बरसे हैं भाले, भूसा-भूसा कर डाले

जब भी कमान खैंचो, तीर प्यासे रखना

युद्ध ये जीतना है, शत्रु को ढेर करना

योद्धा युद्ध पर चले हैं

तीरों पर पले हैं

शूरवीर, बोलो, जय-जयकार

बोलो, जय-जयकार

तीर पर खैंचे तीर सारे शूरवीर

बरसे आग-पानी, चोटी पर निशानी

तर्कशों से छूटे जब तीरों की झंकार

बोलो, जय-जयकार

बोलो, जय-जयकार

योद्धा युद्ध पर चले हैं

तीरों पर पले हैं

शूरवीर योद्धा

- It's already the end -