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खोए-खोए से रहना
खुद की तलाश में
अपनी ही गुमशुदी में
अंजानी आस में
यादों के सारे ख़ज़ाने छुपाऊँ मैं कहाँ?
नैनों के ये मोती सारे सजाऊँ मैं कहाँ?
मन के पिंजरे का पंछी उड़ा दूँ मैं ज़रा
जो दिखा दे रोशनी वाली सुबह
हाँ, रैना रे, रैना रे, काली-काली रैना
सुबह सलोनी बन जा
हाए रे हाए, रैना रे, रैना रे, काली-काली रैना
सुबह सलोनी बन जा
♪
"तू जिधर, तू जहाँ, हो सलामत वहाँ"
इस दुआ के सिवा कुछ भी मागूँ ना
"तू ही दुनिया मेरी, तू ही मेरा जहाँ है"
इस दुआ के सिवा कुछ भी मागूँ ना
यादों के सारे ख़ज़ाने छुपाऊँ मैं कहाँ?
नैनों के ये मोती सारे सजाऊँ मैं कहाँ?
मन के पिंजरे का पंछी उड़ा दूँ मैं ज़रा
जो दिखा दे रोशनी वाली सुबह
हाँ, रैना रे, रैना रे, काली-काली रैना
सुबह सलोनी बन जा
हाए रे हाए, रैना रे, रैना रे, काली-काली रैना
सुबह सलोनी बन जा
♪
इस काली नदी को पार करूँ तो
सुबह का साहिल पा जाऊँ
इस लंबी सदी को गुज़ार दूँ तो
अपनी मंज़िल पा जाऊँ
मन के पिंजरे का पंछी उड़ा दूँ मैं ज़रा
जो दिखा दे रोशनी वाली सुबह
रैना रे, रैना रे, काली-काली रैना (रैना रे)
सुबह सलोनी बन जा
हाए रे हाए, रैना रे, रैना रे, काली-काली रैना (रैना रे)
सुबह-सलोनी बन जा
रैना रे, ओ, रैना रे
ओ, ओ