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मन को करदे ख़ाली, दुखों को तू त्याग दे
जो हो गया वो भूल जा, बस एक लंबी साॅंस ले.
मन को करदे ख़ाली, दुखों को तू त्याग दे
जो हो गया वो भूल जा, बस एक लंबी साॅंस ले
उच्चार कर
ॐ, हरि ॐ, ॐ, हरि ॐ
उच्चार कर
ॐ, हरि ॐ, ॐ, हरि ॐ
तू पानी जैसा बन, ख़ुद बना ख़ुद का रास्ता
ना कि बन कोई पत्थर, जो रास्ता दूसरों का रोक के खड़ा
इन दोनों बातों में हैं कई अंतर
जो हो गया वो हो चुका, भूल सब
जो होगा अब, आने वाले पलों पे तू ध्यान दे
उजाले में तो कितने गए, मिलेंगे
उसको तलाश, जो अँधेरे में भी साथ दे
जो होते मन से सुंदर वो जानते नहीं नफ़रत
हर चीज़ के लिए जी, किसी चीज़ के लिए मर मत
एहसास कर, साॅंसें ले
ख़ासकर, चेहरे तू उदास पर
लगा खुशी का मरहम, सब भरम
तू सबको एक देखना कि धर्म चार देखकर
अच्छे आचरण, अच्छे विचार देख
तू विचार नकारात्मक अपने दूर रख
सकारात्मक विचारों के फ़िर चमत्कार देख
ॐ, हरि ॐ, ॐ, हरि ॐ
उच्चार कर
ॐ, हरि ॐ, ॐ, हरि ॐ
कभी ऊपर-नीचे, कभी आगे-पीछे
कभी धूप-छाॅंव ही तो चलता रहता, ज़िंदगी का ये दस्तूर
पर उन चीज़ों के लिए जिनमें नहीं था तेरा हाथ
तू करदे खुद को माफ़, इसमें तेरा नहीं कसूर
बाक़ी ग़लतियों का तेरा जो भी था उधार
उसमें लेके आ सुधार, ऐसा रख ले तू उसूल
लंबी साॅंस ले, रख दे खुद को ढूॅंढने की तलाश में
अपने मन का सच करले तू क़ुबूल
चीज़ों के लिए रो मत जो कि नहीं हैं तेरे पास
आभारी हो जा उनके लिए, हैं जो भी तेरे ख़ास
कुछ लोग त्याग देते यहाँ पे पैसे के लिए प्यार
और जो दिल से अमीर, उसे देते सब मिसाल
मुझे कुकर्म का कंधों पे अब नहीं चहिए भार
मुझे खुल के है जीना, मुझे देना सबको प्यार
बेचैनी का है दौर, जो की दिल पे करे वार
तो हम हाथ जोड़ें साथ और फ़िर करते हैं हम उच्चार
ॐ, हरि ॐ, ॐ, हरि ॐ
उच्चार कर
ॐ, हरि ॐ, ॐ, हरि ॐ