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Aziyat - Pratyush Dhiman

Aziyat

Pratyush Dhiman

00:00

03:37

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Lyric

हौले-हौले से आँखें रोने लगी

नींद ना आई, पर आँखें सोने लगी

साथ निभाए जो तू जन्मों ही जन्मों का

तो ये यारी रह जाएगी

तकता रहूँ तेरी निगाहों को दर-ब-दर

कि कुछ तो कह जाएगी

दूर तू है या हम हो गए?

फ़ासले थे या अब हो गए?

जाने क्यूँ ये रिश्ते जो थे

ख़तम हो गए (ख़तम हो गए)

क्या तेरी-मेरी बातें अब मैं करूँ?

क्यूँ आँखें बेवजह ही भरूँ?

जाने क्यूँ ये रिश्ते जो थे

ख़तम हो गए (ख़तम हो गए)

तो क्या हुआ तू मेरा नहीं?

कहूँ ना कोई बात मैं

फिरता रहूँ आवारा

सारी की सारी रात मैं

साथ निभाए जो तू जन्मों ही जन्मों का

तो ये यारी रह जाएगी

तकता रहूँ तेरी निगाहों को दर-ब-दर

कि कुछ तो कह जाएगी

दूर तू है या हम हो गए?

फ़ासले थे या अब हो गए?

जाने क्यूँ ये रिश्ते जो थे

ख़तम हो गए (ख़तम हो गए)

क्या तेरी-मेरी बातें अब मैं करूँ?

क्यूँ आँखें बेवजह ही भरूँ?

जाने क्यूँ ये रिश्ते जो थे

ख़तम हो गए (ख़तम हो गए)

- It's already the end -