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तेरी अदाओं का हूँ मैं दीवाना, परवाह करो
मेरी हदों में, हाँ, कैसे रहूँ मैं? समझा करो
रात जवाँ, मस्त समाँ, ऐसे में होंठों से होंठ मिला
ज़िस्म तेरा और ये अदा, साँसें सुलगती हैं, होश कहाँ?
मेरी बाँहों में आओ ज़रा, मेरी धड़कन में समाओ ज़रा
मेरी उल्फ़त में बिख़र जाओ जलने दो, बहकने दो
सुन ये मचलती राग़ीनी जैसे तेरी अदा (तेरी अदा)
जज़्बात की ये मस्तियाँ तेरा ही है नशा
बाँहों में भरो, ओ-ओ
ज़िद ना करो, ओ-ओ
दिल की सुनो, ओ-ओ
चढ़ने दो ये नशा
जो होना होने दो, ओ-ओ
अब ना डरो, ओ-ओ
दिल की सुनो, ओ-ओ
चढ़ने दो ये नशा
तेरी अदाओं का हूँ मैं दीवाना, थोड़ी तो परवाह करो
मेरी हदों में, हाँ, कैसे रहूँ मैं? कभी तो समझा करो
बेचैनियों में रातें कटीं, ख़्वाबों में डूबे हैं दिन
ख़मोशियाँ चुप हो गईं, बातें अधूरी तेरे बिन
तुझे बाँहों में भरकर प्यार दूँ, तेरी ज़ुल्फ़ों की है क़सम
तेरे पहलू में रात गुज़ार लूँ, खो जाऊँ तुझमें, सनम
मेरी जाँ, मेरी वफ़ा
देखा है तेरे नैनों में मैंने ये सारा जहाँ
खोया है तेरी राहों में, ढूँढूँ मैं दिल ये कहाँ?
सुन ये मचलती राग़ीनी जैसे तेरी अदा (तेरी अदा)
जज़्बात की ये मस्तियाँ तेरा ही है नशा
बाँहों में भरो, ओ-ओ
ज़िद ना करो, ओ-ओ
दिल की सुनो, ओ-ओ
चढ़ने दो ये नशा
जो होना होने दो, ओ-ओ
अब ना डरो, ओ-ओ
दिल की सुनो, ओ-ओ
चढ़ने दो ये नशा
तेरी अदाओं का हूँ मैं दीवाना, थोड़ी तो परवाह करो
मेरी हदों में, हाँ, कैसे रहूँ मैं? कभी तो समझा करो