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दुनिया में लोगों ने फिर अपने दिल थामे
आया हूँ लेकर मैं फिर कितने हंगामे
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फिर मैंने सोचा है, मैं जीतूँ, सब हारें
दरवाज़े खुल जाएँ, गिर जाएँ दीवारें
मुझ से टकरा पाया है कौन?
मुझ को पहचान लो, मैं हूँ don
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दुनिया मुझे जो भी कहे, इसकी मुझे परवाह क्या
मुझ को तो है ये देखना, जीतने की है राह क्या
जो मुझको रोकना चाहें उनको है क्या ये पता?
(Don को पकड़ना मुश्किल ही नहीं, नामुमकिन है)
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दुनिया फिर जीतने आया कौन?
(Don, don)
मुझ को पहचान लो, मैं हूँ don
♪
Don