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(जय श्री राम)
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विनय ना मानत जलधि जड़, गए तीन दिन बीत
बोले राम सकोप तब, भय बिन होय ना प्रीत
विनय ना मानत जलधि जड़, गए तीन दिन बीत
बोले राम सकोप तब, भय बिन होय ना प्रीत
भय बिन होय ना प्रीत, भय बिन होय ना प्रीत
भय बिन होय ना प्रीत, भय बिन होय ना प्रीत
हरे राम, राम, राम, राम, राम, राम, राम
हरे राम, राम, राम, राम, राम, राम, राम
हरे राम, राम, राम, राम, राम, राम, राम
हरे राम, राम, राम, राम
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हो त्रिभुवन में सर्वत्र तुम्हीं, विस्तार कौन नापे
तुम क्रोध में जब आ जाओ तो ब्रह्माण्ड सकल काँपे
हो त्रिभुवन में सर्वत्र तुम्हीं, विस्तार कौन नापे
तुम क्रोध में जब आ जाओ तो ब्रह्माण्ड सकल काँपे
तुम्हें ध्यावें त्रिपुरारी, गावें महिमा तुम्हारी
तुम हो दिव्य सकल गुण धाम
नील वर्ण धनु धारी, प्रभु अवध बिहारी
तुमसे बड़ा है तुम्हारा नाम
जय श्री राम (राम, राम, राम, राम, राम, राम)
जय श्री राम (राम, राम, राम, राम, राम, राम)
जय श्री राम (राम, राम, राम, राम, राम, राम)
जय श्री राम (राम, राम, राम, राम, राम)
राम, राम, राम, राम
राम, राम, राम, राम
राम, राम, राम, राम
राम, राम, राम, राम
(जय श्री राम)
(जय श्री राम)
सकल जगत के तुम ही नियंता
अजर, अमर, अविनाशी
कण-कण में हो तुम ही समाए
तुम घट-घट के वासी
रघुकुल नंदन, जय श्री राम
असुर निकंदन, जय श्री राम
भव-भय भंजन, जय श्री राम
शत-शत वंदन, जय श्री राम
रघुकुल नंदन, जय श्री राम
असुर निकंदन, जय श्री राम
भव-भय भंजन, जय श्री राम
शत-शत वंदन, जय श्री राम
हरे राम, राम, राम, राम, राम, राम, राम
हरे राम, राम, राम, राम, राम, राम, राम
हरे राम, राम, राम, राम, राम, राम, राम
हरे राम, राम, राम, राम
सुखकारी, दुखहारी, तुम पे जाऊँ बलिहारी
करूँ भक्ति तुम्हारी निष्काम
नील वर्ण धनु धारी, प्रभु अवध बिहारी
तुमसे बड़ा है तुम्हारा नाम
जय श्री राम (राम, राम, राम, राम, राम, राम)
जय श्री राम (राम, राम, राम, राम, राम, राम)
जय श्री राम (राम, राम, राम, राम, राम, राम)
जय श्री राम (राम, राम, राम, राम, राम)
जय श्री राम
जय श्री राम
जय श्री राम
जय श्री राम
राम, राम, राम, राम
राम, राम, राम, राम
राम, राम, राम, राम
राम, राम, राम, राम
(जय श्री राम)