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सूरज ही छाँव बनके, आया है आज तनके
उसका साया ढाल बनके साथ ना छोड़े
ऐसी ताक़त जिसके आगे मौत दम तोड़े
हर एक लम्हा हिफ़ाज़त, ज़मीं से है फ़लक तक
उसकी आँखें बाज़ जैसे, हर तरफ़ देखें
है अकेला फ़ौज जैसा, वार ना चूके
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झॅंंझा जंगल में, कसौटा दंगल में
एक तूफ़ाॅं, एक गर्जन मिले तो धरती हिले
एक ज्वाला, एक आँधी, फैले तो जले फाटक, किले
दोस्त ऐसा जिंदगी में हर किसी को मिले
जैसे साॅंस तन को मिले
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वो रुसुल जैसे, कभी रण-तुमुल जैसे
एक धार और एक ख़ंजर घात ऐसे करे
एक बरबर, एक तत्पर, भय भी दहशत से डरे
दोस्त ऐसा ज़िंदगी में हर किसी को मिले
जैसे साॅंस तन को मिले
♪
सूरज ही छाँव बनके, आया है आज तनके
उसका साया ढाल बनके साथ ना छोड़े
ऐसी ताक़त जिसके आगे मौत दम तोड़े