background cover of music playing
Ishaare - UDAY

Ishaare

UDAY

00:00

03:41

Song Introduction

अभी तक इस गीत के संबंधित जानकारी उपलब्ध नहीं है।

Similar recommendations

Lyric

लगे की सब सिखा कर भी ना सीखा

मैं ज़िंदगी से हारा, फिर भी जीता

ना सुन पाया कुछ दर में ही, तब आकर बस फिर चीखा

बचपन से ही मैं उँगलियों की तरह इशारों में ही जीता

काश, काश कर पता सब आपके हवाले

काश सुना पता आपको ये गानें

बस एक आखिरी दफ़ा खुद की शांति के नाम

काश किसी तरह सुना पता आपको ही आपकी आवाज़

काश इस काश का ज़िक्र ही बिल्कुल कुछ ना हो

काश ऐसा एक खुदा हो जो असल में सब सुनता हो

पर वो दम भी क्या दम है जो घुटता नहीं है

ख़ुदा भी है आपकी तरह वो मेरी सुनता नहीं है

पर कब तक UDAY असलियत और ख़ुद से भागा

ज़िंदगी बिखरे मोती, पिरो ना पाया उसमें धागा

बस मैं आप से सवाल ये पूछूँ

"अगर ये ज़िंदगी हो शांत तो आप सुन चुके क्या मुझसे ज्यादा?"

मीठे बोल पर कोई नमी ना मिले

तभी तो उनकी कमियों में कभी कमी ना मिले (कमी ना मिले)

ये ख़ून भी भूल से ही बहा पर दिखा

उसकी हर एक बूँद की गहराइयों में दरिया मिले

उनसे बात करने का कोई तरीका मिले

मुझे लगा सब मेरे पास पर सब कभी ना मिले (कभी ना मिले)

मैं अपनी रोशनी में क़ैद इतना ज़्यादा

जब अँधेरा दिखा लगा कि हम घर ही आ गए

इशारे, जो नज़रों में आए ना, ऐसे नज़ारे दिखाते

ये कैसे इशारे, ये कैसे इशारे

हम बैठे समुंदर पर, जिसके ना कोई किनारे

ये कैसे इशारे, ये कैसे...

Yeah

ये दिमाग़ है एक काग़ज़, सब कुछ उल्टा लिखा

जाल भी जाल के लिए सुंदर, पर वो गुँजल ही था

उनका दिमाग़ तो एक बच्चे जितना

ख़ैर वो काग़ज़ जब तक ख़ाली, इस दुनिया में तब तक सुंदर भी, हाँ

एक फूल को ख़ुशबू की सीख होती क्या

उन्हें तो पता भी ना हो, बोलने-सुनने जैसी चीज़ होती, हाँ

असल में सबसे ज़्यादा वही शोर है

जब तुम चिल्लाते, मगर सुनने में कोई चीख हो भी ना

बोली एक चीज़, बोली ख़राब होती जिसके भी पास

उसे क़दर ना, उधर सब बे-तुका

पानी की क़ीमत प्यासे से ज़्यादा नदी को

मैं दिया इतना ज़्यादा ये समुंदर बनके देख चुका

दुख बस इसका, उनकी आँखों को समझ ना पाया

उन्हें लगता है कि मैं काफ़ी ख़ुश, भोलापन बस छाया

उनके लिए मेरा दिल साफ़

उन्हें क्या पता, मैं सब कुछ सुनके भी कुछ भी सही था कर ना पाया

ये नज़रियों की बातें सारी

जो लहरें पीछे आती, समुंदर के लिए वो ही आगे जाती

असल में तो ये दुनिया ही है जो सुनती ना

जो बोल नहीं सकता, उसकी ही सबसे मधुर वाणी (मधुर वाणी)

इशारे, जो नज़रों में आए ना, ऐसे नज़ारे दिखाते

ये कैसे इशारे, ये कैसे इशारे

हम बैठे समुंदर पर, जिसके ना कोई किनारें

ये कैसे इशारे, ये इशारे, ओ

ये कैसे इशारे

- It's already the end -