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साँवरिया, साँवरिया, मैं तो हुई बावरिया
तूने मन मोह लिया, साँवरिया, हो
साँवरिया, साँवरिया, मैं तो हुई बावरिया
तूने मन मोह लिया, साँवरिया, हो
उलझा सा ये मन है, सुलगा सा ये तन है
सपनों का सावन है, नैनों का आँगन है
छलके मन गागरिया, साँवरिया, हो, साँवरिया, हो
साँवरिया, साँवरिया, मैं तो हुई बावरिया
तूने मन मोह लिया, साँवरिया, हो
♪
जो तू यूँ पास आया है, जो तू यूँ दिल पे छाया है
तो मैंने क्या पाया है, कैसे कहूँ, हाँ
कहीं धड़कन की कलियाँ हैं, कहीं सपनों की गलियाँ हैं
जो मन में रंग-रलियाँ हैं, कैसे कहूँ
तू जो मुझे है ऐसे बहकाए
कभी-कभी ये मुझे तो बड़ी लाज सी आए
भूली हूँ मैं जैसे अपनी डगरिया
जब से है देखी मैंने प्रेम नगरिया, प्रेम नगरिया
साँवरिया, साँवरिया, मैं तो हुई बावरिया
तूने मन मोह लिया, साँवरिया, हो
♪
तू जो मिला मुझे तो ये सारा समाँ बदल गया
खिलने लगे फूल से मेरी राह में
फिर यूँ लगा मुझे कि ये धरती नई हुई
नया अंबर हुआ तेरी और मेरी चाह में
चंचल हवा तराना कोई गाए
नदिया भी कोई कहानी कहती जाए
जब से मिली, सजना, तुझ से नजरिया
खो गई है सुध-बुध की मुझ से गठरिया
साँवरिया, साँवरिया...
साँवरिया, साँवरिया, मैं तो हुई बावरिया
तूने मन मोह लिया, साँवरिया, हो