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दिल बादल बने, आँखें बहने लगें
आहें ऐसे उठें, जैसे आँधी चले
आँखें हैं नम मेरी, साँसें चुभन मेरी
ज़ख्म हुआ फिर हरा
दिल के वीराने में, मेरे फ़साने में
तू ही तो हर दम रहा
तो फिर आओ, मुझको सताओ
तो फिर आओ, मुझको रुलाओ
हो, आ भी जाओ, आ भी जाओ
आ भी जाओ, आ भी जाओ
हो, आ भी जाओ, आ भी जाओ
आ भी जाओ, हो
है क्या तड़प? है ये कैसी सज़ा?
तू क्यूँ मुझे आज याद आ गया?
ग़म ले जा तेरे, जो भी तूने दिए
या फिर मुझको बता, इनको कैसे सहें?
बेचैन दिन मेरे, बेचैन रात है
क्या मैं करूँ? कुछ बता
हैं मेरे पाँव ही खुद मेरी बेड़ियाँ
मुझसे मुझे तू छुड़ा
तो फिर आओ, मुझको सताओ
तो फिर आओ, मुझको रुलाओ
हो, आ भी जाओ, आ भी जाओ
आ भी जाओ, आ भी जाओ
हो, आ भी जाओ, आ भी जाओ
आ भी जाओ, हो
है क्या तड़प? है ये कैसी सज़ा?
तू क्यूँ मुझे आज याद आ गया?