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मेहँदी लगी थी, दुल्हन सजी थी
मेहँदी लगेगी, दुल्हन सजेगी
आँसू छुपा के तेरा भाई हँसेगा
डोली को काँधा देगा और ये कहेगा
"तेरे साथ हूँ मैं, तेरे साथ हूँ मैं
तेरे साथ हूँ मैं, तेरे साथ हूँ मैं"
♪
वो भोले-भाले से खिलौने बुलाएँ
आ, गुड़िया की फिर शादी रचाएँ
बचपन की बातें यादों में आएँ
बेफ़िक्रियों के मौसम बताएँ
बचपन की बातें यादों में आएँ
बेफ़िक्रियों के मौसम बताएँ
मेहँदी लगी थी, दुल्हन सजी थी
मेहँदी लगेगी, दुल्हन सजेगी
आँसू छुपा के तेरा भाई हँसेगा
डोली को काँधा देगा और ये कहेगा
"तेरे साथ हूँ मैं, तेरे साथ हूँ मैं
तेरे साथ हूँ मैं, तेरे साथ हूँ मैं"
♪
सर्दियों की वो छत देगी गवाही
ज़्यादा थीं मस्तियाँ, थोड़ी पढ़ाई
रूठना, रूठ के फिर मान जाना
प्यार था, प्यार में मीठी लड़ाई
ऐसा लगे है जैसे बातें हैं ये तो कल की
सीखी क्यूँ जाने हमने इतनी बातें अकल की
नासमझियों को आजा फिर से बुलाएँ
बचपन के बीते दिन वो आ ढूँढ लाएँ
तेरे साथ हूँ मैं, तेरे साथ हूँ मैं
तेरे साथ हूँ मैं, तेरे साथ हूँ मैं
♪
होश था ना कोई, ना था ठिकाना
खेल थे सच सभी, झूठ था ज़माना
फ़र्क़ था ना कोई, ना कोई दूरी
रोने का, हँसने का एक था बहाना
काग़ज़ पे चेहरा मेरा फिर से बना दे तू
चेहरे पे टेढ़ी-मेढ़ी आँखें लगा दे तू
मैं भागता हूँ या फिर आ के तू छू ले
चौखट पे तेरी ख़ातिर डालूँगा झूले
तेरे साथ हूँ मैं, तेरे साथ हूँ मैं
तेरे साथ हूँ मैं, तेरे साथ हूँ मैं