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मैं अगर सितारों से चुराके लाऊँ रोशनी
हवाओं से चुराके लाऊँ रागिनी
ना पूरी हो सकेगी उनसे मगर, तेरी कमी
मैं अगर नज़ारों से चुराके लाऊँ रंगतें
मज़ारों से चुराके लाऊँ बरक़तें
न पूरी हो सकेगी उनसे मगर, तेरी कमी
मेरी बेज़ुबानी को बस एक तूने सुना
मेरे ग़म का मरहम तेरा प्यार है बेपनाह
बेपनाह
बेपनाह
हो, तेरे बिना, उम्र के सफ़र में बड़ा ही तन्हा हूँ मैं
रफ़्तार जो वक्त की पकड़ ना सके, वो लम्हा हूँ मैं
फ़ागुन के महीने, तेरे बिना है फीके
जो तू नहीं तो सारे सावन मेरे सूखे
मैं अगर किताबों से चुरा के लाऊं क़ायदे
हिसाबों से चुरा के लाऊं फ़ायदे
ना पूरी हो सकेगी उनसे मगर, तेरी कमी
मैं अगर सितारों से चुराके लाऊँ रोशनी
हवाओं से चुराके लाऊँ रागिनी
ना पूरी हो सकेगी उनसे मगर, तेरी कमी
तेरे गम का मैं तुझसे पहले करूँ सामना
तेरे ही लिए तो मेरा प्यार है, बेपनाह
बेपनाह
बेपनाह
बेपनाह
बेपनाह, बेपनाह
बेपनाह, बेपनाह
बेपनाह
बेपनाह
बेपनाह
बेपनाह
बेपनाह, बेपनाह